Edited By ,Updated: 14 Nov, 2023 04:56 AM
इस वर्ष दीवाली का त्यौहार लोगों ने पिछले अनेक वर्षों की तुलना में अधिक उत्साहपूर्वक मनाया तथा बाजारों में दीवाली की खरीदारी के लिए आधी रात तक ग्राहकों की लम्बी-लम्बी कतारें लगी रहीं।
इस वर्ष दीवाली का त्यौहार लोगों ने पिछले अनेक वर्षों की तुलना में अधिक उत्साहपूर्वक मनाया तथा बाजारों में दीवाली की खरीदारी के लिए आधी रात तक ग्राहकों की लम्बी-लम्बी कतारें लगी रहीं। ‘कंफैडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स’ (कैट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार इस वर्ष दीवाली के सीजन में देश के बाजारों में 3.75 लाख करोड़ रुपए से अधिक का रिकार्ड कारोबार हुआ जबकि भैया दूज, छठ पूजा एवं तुलसी विवाह आदि त्यौहार आने अभी बाकी हैं जिसमें करीब 50,000 करोड़ रुपए का और व्यापार होने की संभावना जताई जा रही है।
एक अनुमान के अनुसार लोगों ने इस वर्ष 27,000 करोड़ रुपए से अधिक का सोना और सोने की ज्यूलरी के अलवा 3000 करोड़ रुपए के चांदी और उससे बने गहनों आदि की खरीदारी की। धनतेरस पर देश में लगभग 41 टन सोना और लगभग 400 टन चांदी के गहने और सिक्के बिके। लोगों ने खाद्य एवं करियाना पर लगभग 13 प्रतिशत, कपड़ों पर 12 प्रतिशत, ज्यूलरी पर 9 प्रतिशत, इलैक्ट्रानिक्स एवं मोबाइल पर 8 प्रतिशत, उपहार में दी जाने वाली वस्तुओं पर 8 प्रतिशत, फर्निशिंग एवं फर्नीचर पर 4 प्रतिशत, घर की सजावट पर 3 प्रतिशत, मेवों और मिठाई पर 4 प्रतिशत, सजावटी सामान पर 3 प्रतिशत, पूजन सामग्री एवं पूजा की वस्तुओं पर 3 प्रतिशत रकम खर्च की। इसके अलावा बर्तनों तथा रसोई के सामान पर 3 प्रतिशत, बेकरी व कंफैक्शनरी पर 2 प्रतिशत और बाकी 20 प्रतिशत धन आटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलैक्ट्रीकल सामान, खिलौनों आदि पर खर्च किया गया। इसी कारण इस वर्ष विभिन्न वस्तुओं की पैकिंग करने वाले उद्योग को भी काफी बढ़ावा मिला।
अतीत में दीवाली तथा अन्य अवसरों पर भारतीय बाजारों में चीन के सामान की बहुतायत रहती थी तथा बिक्री में उनका हिस्सा 70 प्रतिशत के आसपास होता था, परंतु इस वर्ष व्यापारियों ने चीन से दीवाली का सामान आयात नहीं किया, जिससे बाजार में चीन का सामान कम दिखाई दिया। इससे दीवाली पर चीन को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का व्यापार घाटा पड़ा। इस वर्ष दीवाली से पहले बढ़े प्रदूषण से भी लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई क्योंकि बीच में वर्षा आने से मौसम साफ हो गया और बाजारों में खरीदारी को लिए निकले लोगों की भीड़ बढ़ गई। धनतेरस के दिन सर्वाधिक भीड़ ज्यूलरी, बर्तनों, इलैक्ट्रॉनिक सामान की दुकानों में देखी गई। वैसे तो पटाखे चलाने का समय रात 8 बजे से 10 बजे तक निश्चित कर दिया गया था परंतु लोग पटाखे आधी रात के बाद तक भी चलाते रहे और कहीं-कहीं आम पटाखों के साथ-साथ ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल भी हुआ। पटाखे चलाने से प्रदूषण में वृद्धि हुई, जो 13 नवंबर को कम हो गई।
इस वर्ष देश में दीवाली के मौके पर आग लगने की अनेक घटनाएं हुईं। दिल्ली में ही इस दिन 208 अग्निकांड हुए, जो पिछले तीन वर्षों में सर्वाधिक हैं, परंतु संतोष की बात यही रही कि दिल्ली तथा देश के अन्य भागों में आग लगने के परिणामस्वरूप हुई मौतों की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में नाममात्र ही रही। इस बीच महाराष्ट्र में मालेगांव के एक सिनेमाघर में सलमान खान की फिल्म ‘टाइगर-3’ की रिलीज पर सलमान की एंट्री के दौरान कुछ लोगों ने पटाखे फोड़ दिए जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई पर सौभाग्यवश कोई घायल नहीं हुआ। इसी प्रकार एक अन्य घटना में उत्तराखंड में यमुनोत्री नैशनल हाईवे पर बन रही एक सुरंग के धंस जाने से उसमें काम कर रहे 40 मजदूर फंस गए। सुरंग में मजदूरों को आक्सीजन, भोजन और पानी पहुंचा दिया गया है। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है और राहत कार्यों में जुटे अधिकारियों ने कहा है कि 14 नवम्बर तक इन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि दीवाली पर लोगों ने अपने मोबाइलों और ई-मेल के जरिए जमकर लोगों को शुभकामनाओं तथा नववर्ष मंगलमय और खुशियों से भरपूर होने के बधाई संदेश भेजे। आशा करनी चाहिए कि आने वाले वर्ष में हालात और बेहतर होंगे तथा यह पर्व चल रहे वर्ष से अधिक अच्छा बीतेगा।—विजय कुमार