Edited By ,Updated: 18 Oct, 2023 04:28 AM
नशे का सेवन देश में चिंताजनक हद तक बढ़ गया है। इसके परिणामस्वरूप होने वाली मौतों से असंख्य परिवार उजड़ रहे हैं और सर्वाधिक चिंताजनक बात यह है कि नशे के व्यापारियों ने नशे की डिलीवरी के लिए स्कूल-कालेजों के छात्र-छात्राओं का इस्तेमाल भी करना शुरू कर...
नशे का सेवन देश में चिंताजनक हद तक बढ़ गया है। इसके परिणामस्वरूप होने वाली मौतों से असंख्य परिवार उजड़ रहे हैं और सर्वाधिक चिंताजनक बात यह है कि नशे के व्यापारियों ने नशे की डिलीवरी के लिए स्कूल-कालेजों के छात्र-छात्राओं का इस्तेमाल भी करना शुरू कर दिया है। नशा तस्कर ऐश्वर्यपूर्ण जीवन का लालच देकर युवाओं को अपने जाल में फंसाकर अपराध की दुनिया में धकेल रहे हैं और पैसे का लालच देकर उन्हें दूर-दूर तक नशा पहुंचाने भेज देते हैं। बताया जाता है कि नाबालिग तस्करों को पुलिस द्वारा पकड़ लेने पर तस्कर उन्हें बाल सुधार घरों से जल्दी ही छुड़वा भी लेते हैं।
* 16 अक्तूबर को जालंधर के सी.आई.ए. स्टाफ ने झारखंड से अफीम की सप्लाई देने आए बी.ए. (2) के छात्र चिराग (20) व 11वीं की छात्रा सपना कुमारी को गिरफ्तार करके इनसे डेढ़ किलो अफीम बरामद की। सपना झारखंड में कपड़ों की दुकान पर काम करती है और आमदन कम होने के कारण उसने अफीम बेचने का काम भी शुरू कर दिया।
* 26 सितम्बर को मेंगलुरु (कर्नाटक) पुलिस ने स्थानीय कालेज में बी.ए. की पढ़ाई कर रहे लुकमानुल हकीम (22) नामक युवक को नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार करके उसके कब्जे से 1.25 लाख रुपए मूल्य के 25 ग्राम प्रतिबंधित नशीले पदार्थ ‘मैथीलेन डायोक्सी मेथामफेटामाइन’ (एम.डी.एम.ए.) के अलावा वजन तोलने वाला डिजीटल तराजू, एक मोबाइल फोन तथा अन्य वस्तुएं बरामद कीं।
* 28 जुलाई को उड्डुपी (कर्नाटक) पुलिस ने 2 मकानों पर छापा मार कर इंजीनियरिंग के 3 छात्रों को नशा तस्करी के आरोप में गिरफ्तार करके उनके कब्जे से 1.10 लाख रुपए मूल्य का गांजा बरामद किया।
* 18 जुलाई को बेंगलुरु पुलिस ने दक्षिण बेंगलुरु में छात्रों को नशीले पदार्थ बेचने के आरोप में केरल के एक छात्र बेस्टिन राय (23) को 20 लाख रुपए मूल्य के नशीले पदार्थ के साथ गिरफ्तार किया।
* 17 जून को ही उड्डुपी जिले के उल्लाल पुलिस थाने की पुलिस ने कानून के 2 छात्रों निभीष और अमाल को गिरफ्तार करके उनसे 35,000 रुपए का नशा बरामद किया जबकि उनका एक साथी फरार हो गया।
* 16 जून को देहरादून (उत्तराखंड) में पुलिस ने 304 ग्राम चरस के साथ एक छात्र को गिरफ्तार किया जो उसने अपने दोस्तों और विश्वविद्यालय के अन्य छात्रों को सप्लाई करना था।
* 27 मई को पुणे (महाराष्ट्र) में अधिकारियों ने 2 कालेज छात्रों को गिरफ्तार करके उनके कब्जे से 1,45,700 रुपए मूल्य के एल.एस.डी. के स्टैंप और अन्य नशीले पदार्थ बरामद किए।
* 21 फरवरी को कोझीकोड (केरल) में नौवीं कक्षा की छात्रा को नशे की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया। उसे नशे की लत लगाने के बाद तस्करों का एक गिरोह उससे 3 वर्षों से नशे की तस्करी करवा रहा था।
* 17 फरवरी को सिल्चर (असम) में नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी के छात्र एस. गोखले को नशा बेचते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया।
* 21 जनवरी को मेंगलुरु स्थित ‘कस्तूरबा मैडीकल कालेज’ के 2 डाक्टरों और 7 छात्रों की नशीले पदार्थों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तारी के बाद प्रोफैसरों को नौकरी से और छात्रों को कालेज से निकाला गया।
उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि छात्र-छात्राओं से नशीले पदार्थों की तस्करी करवाने का सिलसिला देश भर में फैलता जा रहा है। नशा तस्करी के मामले में तस्कर को 1 से 20 वर्ष तक सजा हो सकती है। अदालत उसकी जमानत भी मुश्किल से लेती है पर आरोपी के नाबालिग होने पर सुनवाई बाल कोर्ट में होती है जिसमें उसे काफी राहत मिल जाती है। इसीलिए नशा तस्करी में नाबालिगों की भूमिका काफी बढ़ गई है।अत: नशे के धंधे में युवाओं और छात्रों को धकेलने वालों के विरुद्ध भी कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसा न होने पर देश की जवानी घुन की तरह खोखली होती जाएगी जबकि युवा शक्ति ही किसी भी देश की सबसे बड़ी शक्ति होती है।—विजय कुमार