आत्महत्याओं से हो रही ‘बेमौत मौतें’ और ‘उजड़ रहे परिवार’

Edited By ,Updated: 08 Dec, 2023 05:10 AM

suicides are causing  uncountable deaths  and  families being destroyed

इन दिनों देश के लोगों में आत्महत्या करने की दुष्प्रवृत्ति तेजी से बढ़ती जा रही है। ‘राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो’ के अनुसार वर्ष 2022 में 1,70,924 लोगों ने आत्महत्याएं कीं।

इन दिनों देश के लोगों में आत्महत्या करने की दुष्प्रवृत्ति तेजी से बढ़ती जा रही है। ‘राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो’ के अनुसार वर्ष 2022 में 1,70,924 लोगों ने आत्महत्याएं कीं। अवसाद, असहनशीलता, तनाव, व्यवसाय या करियर संबंधी समस्याएं, दुव्र्यवहार, पारिवारिक, वित्तीय नुक्सान, विवाह से जुड़ी समस्याएं, बेरोजगारी, गरीबी, सम्पत्ति विवाद, अवैध संबंध आदि आत्महत्याओं के कारण बन रहे हैं। 

* 1 दिसम्बर को सामाना (पंजाब) के गांव ‘बंमना’ में नौकरी न मिलने के कारण परेशान एक युवक ने भाखड़ा नहर में कूद कर जान दे दी। 
* 5 दिसम्बर को शिवमोगा (कर्नाटक) में बारहवीं कक्षा की परीक्षा देने आई 18 वर्षीया एक छात्रा ने कालेज की इमारत से कूद कर आत्महत्या कर ली, जिसके लिए उसके अभिभावकों ने अध्यापकों को जिम्मेदार ठहराया है।
* 5 दिसम्बर को ही संभल (उत्तर प्रदेश) में मजदूरी करके पेट भरने वाली एक महिला ने स्कूल न जाने पर कक्षा 2 में पढऩे वाले अपने 10 वर्षीय बेटे को डांटा तो उसने फंदे से झूल कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। 

* 5 दिसम्बर को ही पायल (पंजाब) में को-आप्रेटिव विभाग के सुपरिंटैंडैंट ने कथित रूप से अपनी पत्नी के साथ विवाद के चलते आत्महत्या कर ली। इस सिलसिले में मृतक की पत्नी के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है। 
* 5 दिसम्बर को ही फिरोजपुर (पंजाब) में सेना के क्वार्टर में रहने वाले सैनिक की पत्नी द्वारा घरेलू विवाद के चलते फंदा लगा कर आत्महत्या के मामले में उसके पति के विरुद्ध केस दर्ज किया गया। 
* 5 दिसम्बर को ही तिरुवनंतपुरम (केरल) के सरकारी मैडीकल कालेज में एक 26 वर्षीया डाक्टर शाहाना ने भारी मात्रा में एनेस्थीसिया की खुराक लेकर आत्महत्या कर ली। वह अपने ब्वाय फ्रैंड डाक्टर ई.ए. रुवैस के साथ रिलेशन में थी परंतु डाक्टर के परिवार ने इस शादी के लिए दहेज में बी.एम.डब्ल्यू. कार, 50 लाख रुपए और 150 सोने के सिक्कों तथा 15 एकड़ जमीन की भारी-भरकम मांग रख दी, जो पूरी न कर सकने पर डाक्टर ने शाहाना से शादी करने से इन्कार कर दिया। इससे तनाव में आकर शाहाना ने यह कदम उठा लिया। इस सिलसिले में डाक्टर को हिरासत में ले लिया गया है। 

* 6 दिसम्बर को रामपुर (उत्तर प्रदेश) में 10 वर्षीय एक बच्चे ने अपनी मां से नए जूते दिलवाने को कहा लेकिन मां द्वारा मांग पूरी न करने से निराश होकर उसने अपनी मां के दुपट्टे से ही फंदा लगा कर आत्महत्या कर ली।
* 6 दिसम्बर को ही बरेली (उत्तर प्रदेश) में रेलवे के अस्पताल में आंखों के डाक्टर अरुण सिंह ने डिप्रैशन के कारण अपनी पत्नी और दोनों बच्चों  की हथौड़ी मार कर हत्या करने के बाद स्वयं भी अपनी जान दे दी।
* 6 दिसम्बर को ही बाबा बकाला साहिब (पंजाब) के गांव बुताला में अपने पति के प्रेम सम्बन्धों से परेशान महिला बलविंद्र कौर ने जहरीली वस्तु खाकर आत्महत्या कर ली। 
* 6 दिसम्बर को ही करजत (महाराष्ट्र) में एम.बी.बी.एस. की पढ़ाई कर रहे एक छात्र द्वारा आत्महत्या के सिलसिले में पुलिस ने उसके होस्टल में ही रहने वाले 3 छात्रों के विरुद्ध केस दर्ज किया।
* 6 दिसम्बर को ही सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश) के ‘रवनिया चिट्टा’ गांव में जूनियर हाई स्कूल के हैडमास्टर सूर्य प्रकाश द्विवेदी ने स्कूल में ब्लाक एजुकेशन आफिसर सोमेन वर्मा द्वारा अपमानित किए जाने से आहत होकर जहर खाकर अपने प्राण दे दिए। 

उक्त उदाहरणों से स्पष्ट है कि आज आत्महत्याओं के कारण किस कदर बड़ी संख्या में परिवार उजड़ रहे हैं। अत: परिवार के किसी भी सदस्य के व्यवहार में कोई असाधारण बदलाव दिखाई देने पर माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्यों,परिचितों को उन्हें धैर्यपूर्वक समझाना, उनका हौसला बढ़ाना और उनमें आशा की भावना का संचार करना चाहिए। इसके साथ ही यदि मामला गंभीर दिखाई दे तो बिना देर किए उनकी मनोचिकित्सकों से काऊंसलिंग करवानी चाहिए ताकि परिवारों को उजडऩे से बचाया जा सके।—विजय कुमार 

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