Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 May, 2020 10:52 AM
कोरोना वायरस से तबाह विमान सेवा कंपनियों को अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए तीन साल में 350 अरब रुपए अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होगी। घरेलू साख निर्धारक कंपनी इक्रा की आज जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि घरे
बिजनेस डेस्कः कोरोना वायरस से तबाह विमान सेवा कंपनियों को अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए तीन साल में 350 अरब रुपए अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होगी। घरेलू साख निर्धारक कंपनी इक्रा की आज जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू विमान सेवा कंपनियों एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट, विस्तारा, गोएयर और एयर एशिया इंडिया को उड़ानों पर प्रतिबंध तथा कोविड-19 से संबंधित अन्य कारणों से चालू वित्त वर्ष में हवाई यात्रियों की संख्या 44 प्रतिशत घट जाएगी।
घरेलू यात्रियों की संख्या में 41 से 46 फीसदी तथा अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर 67 से 72 प्रतिशत की गिरावट रहने की आशंका है। इससे उनके राजस्व में 35 से 42 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। इक्रा के उपाध्यक्ष किंजल शाह ने कहा कि देशव्यापी लाॅकडाउन के दौरान विमानन कंपनियों को रोजाना 75 से 90 करोड़ रुपए तक का नुकसान हो रहा है और लाॅकडाउन के बाद मांग में कमी देखी जा सकती है।
सेक्टर को उबरने के लिए 325 से 350 अरब रुपए की अतिरिक्त पूंजी की जरूरत होगी। अगले वित्त वर्ष 2021-22 में ऋण बढ़कर 465 बिलियन डाॅलर हो जाएगी। कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप पर रोकथाम के लिए लागू देशव्यापी लाॅकडाउन के चलते घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें पूरी तरह से बंद है। इसके चलते घरेलू यात्रियों की संख्या में पिछले सात साल की तुलना में अब तक सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है।