महंगाई पर ब्रेक! खाने-पीने की चीजों ने दी बड़ी राहत, 2012 के बाद सबसे निचले स्तर पर

Edited By Updated: 12 Nov, 2025 05:03 PM

break from inflation food and beverage prices provided significant relief

भारत की खुदरा महंगाई (Retail Inflation) अक्टूबर 2025 में घटकर 0.25% पर पहुंच गई है। यह 2012 में शुरू हुई मौजूदा सीरीज का अब तक का सबसे निचला स्तर है। सितंबर में यह दर 1.44% रही थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा 12 नवंबर को जारी आंकड़ों के...

बिजनेस डेस्कः भारत की खुदरा महंगाई (Retail Inflation) अक्टूबर 2025 में घटकर 0.25% पर पहुंच गई है। यह 2012 में शुरू हुई मौजूदा सीरीज का अब तक का सबसे निचला स्तर है। सितंबर में यह दर 1.44% रही थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा 12 नवंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस गिरावट की मुख्य वजह खाने-पीने की चीजों के दामों में लगातार कमी रही है।

खाद्य वस्तुओं में बड़ी राहत

खाद्य वस्तुओं का सूचकांक (Food Index) अक्टूबर में -5.02% पर रहा, जो सितंबर के -2.3% से और नीचे आया है। इसका मतलब है कि अनाज, दालों, सब्जियों और अन्य जरूरी खाद्य वस्तुओं के दामों में गिरावट जारी रही। मासिक आधार पर खाद्य कीमतों में 0.25% की कमी दर्ज की गई, जबकि कुल मूल्य सूचकांक में 0.15% की हल्की बढ़ोतरी रही।

अनाज, दाल और सब्जियों के दाम घटे

अक्टूबर में अनाज की महंगाई -0.92% रही, जो पिछले चार सालों में सबसे कम है। वहीं, दाल और सब्जियों के दाम लगातार नौवें महीने गिरे हैं। इससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिली है। विशेषज्ञों का मानना है कि खाद्य आपूर्ति की स्थिरता और बेहतर फसल ने कीमतों को नियंत्रण में रखा है।

तेल के दामों में उछाल

खाद्य श्रेणी में केवल तेल और वसा (Oils and Fats) ही ऐसी कैटेगरी रही, जिसमें दोहरे अंकों में महंगाई दर्ज की गई। हालांकि, इसमें भी पिछले महीने की तुलना में थोड़ी नरमी आई। खासतौर पर नारियल तेल की कीमतों में करीब 93% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो अक्टूबर का सबसे महंगा उत्पाद रहा।

सोना-चांदी और पर्सनल केयर में बढ़ोतरी

कोर महंगाई के तहत Miscellaneous कैटेगरी में 31 महीने का उच्च स्तर देखा गया। इसमें सोना, चांदी, पर्सनल केयर और अन्य वस्तुएं शामिल हैं। इस कैटेगरी की महंगाई 5.35% से बढ़कर 5.71% पहुंच गई। वहीं, Personal Care and Effects में महंगाई 19.4% से बढ़कर 23.9% रही, जिससे लोगों के रोजमर्रा के खर्च पर असर पड़ा।

RBI के लक्ष्य से नीचे रही महंगाई

वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में औसत महंगाई दर 2.22% रही, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 4% के लक्ष्य से काफी नीचे है। यह राहत मुख्य रूप से वैश्विक कमोडिटी कीमतों में गिरावट और पिछले साल के हाई बेस इफेक्ट के कारण आई है।

RBI ने घटाया FY26 का अनुमान

महंगाई में आई इस तेज गिरावट को देखते हुए RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने मुद्रास्फीति अनुमान को 3.1% से घटाकर 2.6% कर दिया है। हालांकि, RBI ने चेतावनी दी है कि वैश्विक ऊर्जा कीमतों और खाद्य बाजारों में अस्थिरता भविष्य में महंगाई के जोखिम को बढ़ा सकती है।

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