Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Dec, 2025 06:02 PM

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने नौकरी बदलने वाले लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए राहत भरे नियम लागू किए हैं। अब नौकरी बदलते समय छोटा गैप या वीकेंड भी सर्विस ब्रेक में नहीं गिना जाएगा, जिससे पीएफ और एम्प्लॉयी डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस...
बिजनेस डेस्कः कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने नौकरी बदलने वाले लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए राहत भरे नियम लागू किए हैं। अब नौकरी बदलते समय छोटा गैप या वीकेंड भी सर्विस ब्रेक में नहीं गिना जाएगा, जिससे पीएफ और एम्प्लॉयी डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (EDLI) योजना के लाभ सीधे कर्मचारियों के परिवार तक पहुंचेंगे।
नौकरी बदलने में अब 60 दिन तक का गैप मान्य
नए नियमों के तहत, अगर दो नौकरियों के बीच अधिकतम 60 दिनों तक का अंतर है, तो इसे सेवा में ब्रेक नहीं माना जाएगा। इसका मतलब है कि नौकरी बदलते समय थोड़े समय का गैप भी कर्मचारी की लगातार सेवा में जोड़ा जाएगा।
बीमा लाभ में राहत
अगर किसी EPFO सदस्य की मृत्यु आखिरी पीएफ योगदान मिलने के 60 दिनों के भीतर हो जाती है और वह कंपनी के रिकॉर्ड में कर्मचारी के रूप में दर्ज था, तो अब उसके परिवार को EDLI योजना का लाभ मिलेगा। पहले ऐसे मामलों में सर्विस ब्रेक का हवाला देकर बीमा दावा खारिज कर दिया जाता था।
वीकेंड और छुट्टियों का ब्रेक नहीं माना जाएगा
नौकरी बदलते समय आने वाले शनिवार, रविवार या राजपत्रित अवकाश अब सर्विस ब्रेक में नहीं गिने जाएंगे। इससे वीकेंड गैप के दौरान आकस्मिक मृत्यु होने पर परिवार को बीमा लाभ लेने में मदद मिलेगी।
न्यूनतम बीमा राशि बढ़ी
EPFO ने न्यूनतम बीमा राशि भी बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दी है। अब उन कर्मचारियों के आश्रितों को भी यह राशि मिलेगी, जिन्होंने मृत्यु से पहले लगातार 12 महीने काम नहीं किया था या जिनके पीएफ खाते में 50,000 रुपए से कम बैलेंस था।
सरकार की पहल
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के संज्ञान में ऐसे कई मामले आए थे, जहां नौकरी बदलते समय कर्मचारियों की मृत्यु के कारण उनके परिवार बीमा लाभ से वंचित रह जाते थे। इसके बाद मंत्रालय और EPFO ने नियमों में बदलाव कर परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित की है।