भारत–न्यूजीलैंड FTA का उद्योग जगत ने किया स्वागत, व्यापार–निवेश बढ़ने की उम्मीद

Edited By Updated: 22 Dec, 2025 06:49 PM

fta between india new zealand will boost bilateral trade industry

उद्योग जगत ने भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए वार्ता संपन्न होने का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि प्रस्तावित समझौते से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलने और दोनों देशों की कंपनियों के लिए विकास के नए अवसर पैदा होने...

बिजनेस डेस्कः उद्योग जगत ने भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए वार्ता संपन्न होने का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि प्रस्तावित समझौते से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलने और दोनों देशों की कंपनियों के लिए विकास के नए अवसर पैदा होने की उम्मीद है। यह समझौता घरेलू वस्तुओं विशेष रूप से श्रम-प्रधान क्षेत्रों से आने वाली वस्तुओं को शुल्क-मुक्त पहुंच प्रदान करेगा और इसमें 15 वर्षों में 20 अरब अमेरिकी डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की प्रतिबद्धता शामिल है। इससे पांच वर्षों में वस्तुओं और सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार दोगुना पांच अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। 

उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष अनंत गोयनका ने कहा, ‘‘भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते का स्वागत है। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साथ आर्थिक जुड़ाव को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस समझौते से द्विपक्षीय व्यापार, निवेश प्रवाह और सहयोग में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे दोनों देशों की कंपनियों के लिए विकास के नए अवसर सृजित होंगे।'' पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के सीईओ और महासचिव रंजीत मेहता ने कहा कि भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौता व्यापार उदारीकरण को प्रतिभा आवाजाही, निवेश और उत्पादकता-आधारित सहयोग के साथ जोड़ने वाला अगली पीढ़ी का समझौता है।'' 

मेहता ने कहा, ‘‘यह समझौता नीतिगत निश्चितता प्रदान करता है और विनिर्माण के लिए कच्चे माल कर लागत को कम करता है, जिससे दीर्घकालिक आर्थिक मजबूती की संभावना बनती है।'' न्यूजीलैंड को भेड़ के मांस, ऊन, कोयला और वनों एवं लकड़ी से बनी 95 प्रतिशत से अधिक वस्तुओं पर शुल्क-मुक्त पहुंच मिलेगी। समझौते के तहत न्यूजीलैंड को कीवी फल, शराब, कुछ समुद्री खाद्य पदार्थ, चेरी, एवोकाडो, पर्सिमन, शिशु ‘फॉर्मूला', मनुका शहद और दूध ‘एल्ब्यूमिन' जैसी कई अन्य वस्तुओं पर शुल्क छूट भी मिलेगी। घरेलू किसानों और सूक्ष्म लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के हितों की सुरक्षा के लिए भारत राजनीतिक रूप से संवेदनशील दुग्ध क्षेत्र जैसे दूध, क्रीम, व्हे, दही तथा पनीर में कोई शुल्क छूट नहीं देगा।  

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!