IndiaAI मिशन का बजट दोगुना, सरकार ₹20,000 करोड़ खर्च करने पर कर रही विचार

Edited By Updated: 17 Sep, 2025 10:40 AM

govt may double indiaai mission corpus to 20 000 crore in 5 years

भारत सरकार इंडियाएआई मिशन का खर्च अगले पांच वर्षों में लगभग दोगुना बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपये करने पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला कार्यक्रम का दायरा बढ़ने और एआई इकोसिस्टम को मजबूत करने के मद्देनजर लिया जा रहा है।

बिजनेस डेस्कः भारत सरकार इंडियाएआई मिशन का खर्च अगले पांच वर्षों में लगभग दोगुना बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपए करने पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, यह फैसला कार्यक्रम का दायरा बढ़ने और एआई इकोसिस्टम को मजबूत करने के मद्देनजर लिया जा रहा है।

बढ़े हुए बजट का इस्तेमाल ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU) क्षमता बढ़ाने, स्वदेशी फाउंडेशन मॉडल, लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLM), लार्ज रीजनिंग मॉडल (LRM) और स्मॉल लैंग्वेज मॉडल (SLM) तैयार करने और अधिक स्टार्टअप्स व कंपनियों को जोड़ने में किया जाएगा।

पिछले साल केंद्र सरकार ने इस मिशन के लिए 10,372 करोड़ रुपए आवंटित किए थे, जिसका मकसद पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए देश में एआई इनोवेशन को बढ़ावा देना था। अब तक सर्वम, सॉकेटएआई, गण एआई और ज्ञानी एआई जैसे स्टार्टअप्स को आधारभूत मॉडल विकसित करने के लिए चुना गया है।

सर्वम एआई – प्रशासन और सार्वजनिक सेवाओं के लिए 120 अरब पैरामीटर का ओपन सोर्स LLM विकसित करेगी।
सॉकेट एआई – भाषाई विविधता पर आधारित मॉडल बनाएगी जो रक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में उपयोगी होगा।
ज्ञानी एआई – बहुभाषी, रीयल-टाइम वॉयस प्रोसेसिंग पर फोकस करेगी।
गण एआई – 70 अरब पैरामीटर वाला टेक्स्ट-टू-स्पीच बहुभाषी फाउंडेशन मॉडल बनाएगी।

सूत्रों का कहना है कि भारत को भू-राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए एआई स्टैक की हर परत में आत्मनिर्भरता बढ़ानी होगी। हालांकि, वेल्थ मैनेजमेंट फर्म बर्नस्टीन ने चेतावनी दी है कि पर्याप्त संसाधन न होने पर भारत की यह पहल वैश्विक स्तर पर प्रभावहीन साबित हो सकती है, क्योंकि अमेरिकी कंपनियां बड़े निवेश और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर के बल पर एआई क्षेत्र पर हावी हैं।
 

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