Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 May, 2025 04:12 PM

हाइब्रिड वाहनों ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बजाय उन वाहनों की बिक्री बढ़ाने में योगदान दिया है। एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च ने एक रिपोर्ट में यह कहा है। हाइब्रिड वाहन परंपरागत पेट्रोल या डीजल के साथ-साथ बिजली से भी...
नई दिल्लीः हाइब्रिड वाहनों ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के साथ प्रतिस्पर्धा करने के बजाय उन वाहनों की बिक्री बढ़ाने में योगदान दिया है। एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च ने एक रिपोर्ट में यह कहा है। हाइब्रिड वाहन परंपरागत पेट्रोल या डीजल के साथ-साथ बिजली से भी चलती है। इन दोनों तकनीकों के संयुक्त इस्तेमाल से वाहन की ईंधन दक्षता बेहतर होती है और उत्सर्जन में कमी आती है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय वाहन परिदृश्य मध्यम से लंबी अवधि में कई ईंधन विकल्पों वाला उद्योग बना रहेगा। इसमें हाइब्रिड, सीएनजी और जैव ईंधन मध्यम से लंबी अवधि के व्यावहारिक समाधान हैं जबकि देश को आखिरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की ही तरफ कदम बढ़ा रहा है।
एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च ने कहा, "हमें लगता है कि मजबूत हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन (एसएचईवी) और बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) एक-दूसरे को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं, बल्कि अलग-अलग तरह के ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।" इस रिपोर्ट के मुताबिक, जिन राज्यों में हाइब्रिड वाहनों को सरकारी प्रोत्साहन दिया जा रहा है वहां बैटरी ईवी की बिक्री में भी मजबूत वृद्धि देखी गई है।
वित्त वर्ष 2024-25 में ईवी की बिक्री में वृद्धि एसएचईवी की बिक्री में वृद्धि के बराबर थी, जबकि भारत में सबसे अधिक यात्री वाहन बेचने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में एसएचईवी पर प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। यह प्रवृत्ति बताती है कि एसएचईवी अपनाने का बीईवी की बिक्री पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। रिपोर्ट कहती है, "यह धारणा गलत है कि एसएचईवी को बढ़ावा देने से ईवी अपनाने में बाधा आएगी। असल में यह एक वृद्धिशील अवसर है जहां एसएचईवी को प्रोत्साहित करने से स्वच्छ गतिशीलता पारिस्थितिकी के व्यापक विकास में मदद मिलती है।" कुल यात्री वाहनों में हाइब्रिड वाहनों की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 2.4 प्रतिशत हो गई जबकि 2023-24 में यह 2.1 प्रतिशत थी।