Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 May, 2025 12:17 PM

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। ऐसी स्थिति में यदि दोनों देशों के बीच युद्ध होता है, तो पाकिस्तान की पहले से ही जर्जर अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है। शुक्रवार, 9 मई को IMF की अहम बैठक होने जा...
बिजनेस डेस्कः पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। ऐसी स्थिति में यदि दोनों देशों के बीच युद्ध होता है, तो पाकिस्तान की पहले से ही जर्जर अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है। शुक्रवार, 9 मई को IMF की अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज और 1.3 अरब डॉलर के क्लाइमेट फाइनेंस की अगली किस्त पर चर्चा होनी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। भारत से बढ़ते तनाव के कारण पाकिस्तान को अब तक 1264 करोड़ रुपए के संभावित नुकसान का अनुमान है, जिसमें डायरेक्ट एक्सपोर्ट, अटारी बॉर्डर और अल्ट्रानेट रूट से होने वाले व्यापार पर भी असर पड़ा है। इसके अलावा, केवल मीट एक्सपोर्ट में ही 4046 करोड़ रुपए की गिरावट आ सकती है।
महंगाई और मुद्रा संकट का खतरा
युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान में महंगाई दर 38% तक पहुंच सकती है। विदेशी मुद्रा भंडार पहले ही सीमित है और मूडीज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास आगामी वर्षों के कर्ज भुगतान के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। ऐसे में तनाव उसकी बाह्य स्थिरता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
IMF फंडिंग पर लग सकती है रोक
भारत पाकिस्तान के आतंकी रिकॉर्ड का हवाला देते हुए IMF से फंडिंग की समीक्षा की मांग कर सकता है। ऐसे में 9 मई को होने वाली बैठक में पाकिस्तान को मिलने वाले करीब 2.3 अरब डॉलर की राशि पर रोक लग सकती है, जो देश की वित्तीय स्थिति को और डगमगा सकती है।
भारत पर प्रभाव सीमित रहेगा
वहीं, भारत पर युद्ध का प्रभाव सीमित रहने की उम्मीद है। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी Moody’s ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापारिक संबंध बेहद सीमित हैं और पाकिस्तान का भारत के कुल निर्यात में हिस्सा 0.5% से भी कम है। इसलिए भारत की अर्थव्यवस्था पर इसका बड़ा असर नहीं पड़ेगा।