Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Jun, 2025 10:52 AM

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि भारत का बाह्य यानी विदेशी ऋण मार्च 2025 के अंत तक 10 प्रतिशत बढ़कर 736.3 अरब डॉलर हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 668.8 अरब डॉलर था। जीडीपी के प्रतिशत के रूप में बाह्य ऋण एक साल पहले के 18.5 प्रतिशत...
मुंबईः भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि भारत का बाह्य यानी विदेशी ऋण मार्च 2025 के अंत तक 10 प्रतिशत बढ़कर 736.3 अरब डॉलर हो गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 668.8 अरब डॉलर था। जीडीपी के प्रतिशत के रूप में बाह्य ऋण एक साल पहले के 18.5 प्रतिशत से बढ़कर 2024-25 के अंत तक 19.1 प्रतिशत हो गया।
आरबीआई ने कहा कि समीक्षाधीन वित्त वर्ष में मुद्रा बाजारों में कुछ उतार-चढ़ाव देखा गया और रुपए तथा अन्य मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के मूल्य में वृद्धि के कारण 'मूल्यांकन प्रभाव' 5.3 अरब डॉलर रहा। केंद्रीय बैंक ने कहा कि यदि मूल्यांकन प्रभाव को छोड़ दिया जाए, तो बाह्य ऋण में 67.5 अरब डॉलर के बजाय 72.9 अरब डॉलर की बढ़ोतरी होती।
आरबीआई ने कहा कि कुल ऋण में गैर-वित्तीय निगमों ने 261.7 अरब डॉलर, सरकार ने 168.4 अरब डॉलर और केंद्रीय बैंक को छोड़कर जमा स्वीकार करने वाले निगमों ने 202.1 अरब डॉलर का ऋण लिया। मार्च 2025 के अंत में, दीर्घकालिक ऋण (एक वर्ष से अधिक की मूल परिपक्वता के साथ) 601.9 अरब डॉलर था और इसमें सालाना आधार पर 60.6 अरब डॉलर की वृद्धि हुई।