भारत की देसी शराब की दुनिया में बढ़ती धाक, 2030 तक एक अरब डॉलर का लक्ष्य

Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Apr, 2025 01:01 PM

india s indigenous liquor is gaining popularity in the world

भारत में तैयार की जाने वाली मादक पेयों की वैश्विक स्तर पर मांग तेजी से बढ़ रही है। एपीडा (APEDA) के चेयरमैन अभिषेक देव ने बताया कि भारतीय जिन, बीयर, वाइन और रम जैसे उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी संभावनाएं हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत...

बिजनेस डेस्कः भारत में तैयार की जाने वाली मादक पेयों की वैश्विक स्तर पर मांग तेजी से बढ़ रही है। एपीडा (APEDA) के चेयरमैन अभिषेक देव ने बताया कि भारतीय जिन, बीयर, वाइन और रम जैसे उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारी संभावनाएं हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत का मादक पेय निर्यात, जो फिलहाल 37.05 करोड़ डॉलर है, वर्ष 2030 तक बढ़कर 1 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।

भारतीय मादक पेय कंपनियों के परिसंघ (CIABC) द्वारा आयोजित एल्कोबेव इंडिया 2025 सम्मेलन में APEDA के चेयरमैन ने यह जानकारी दी। देव ने कहा, “निर्यात की अपार संभावनाएं हैं और हमारे पास कई अच्छे उत्पाद …विभिन्न प्रकार के जिन, बीयर, वाइन और रम है। उद्योग को चाहिए कि वह सिर्फ घरेलू बाजार पर निर्भर न रहकर वैश्विक बाजारों में भी सक्रिय रूप से विस्तार करे।”

उन्होंने यह भी बताया कि भारत जैविक उत्पादों के लिए ऑस्ट्रेलिया के साथ एक पारस्परिक मान्यता समझौते को अंतिम रूप देने के करीब है, जिसमें जैविक वाइन भी शामिल होगी।

सम्मेलन में खाद्य प्रसंस्करण सचिव सुब्रत गुप्ता ने कहा कि भारत कृषि उत्पादन में अग्रणी होते हुए भी खाद्य प्रसंस्करण में पीछे है। उन्होंने उद्योग से आग्रह किया कि वह मूल्यवर्धित उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करे और फलों व सब्जियों की बर्बादी को रोके। उन्होंने मादक पेय क्षेत्र को निर्यात के माध्यम से विदेशी मुद्रा अर्जन का बड़ा अवसर बताया।
 

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