Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 May, 2025 04:56 PM

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 के अनुसार, भारत की घरेलू वित्तीय बचत 2023-24 में सकल राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (GNDI) का 5.1% रही, जो पिछले वर्ष के 4.9% से बेहतर है। यह सुधार अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रदर्शन और मुद्रास्फीति के...
नई दिल्लीः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की वार्षिक रिपोर्ट 2024-25 के अनुसार, भारत की घरेलू वित्तीय बचत 2023-24 में सकल राष्ट्रीय व्यय योग्य आय (GNDI) का 5.1% रही, जो पिछले वर्ष के 4.9% से बेहतर है। यह सुधार अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रदर्शन और मुद्रास्फीति के नियंत्रण में रहने के संकेत के बीच आया है।
2023-24 में सकल घरेलू बचत GNDI का 30.3% रही, जो पिछले वर्षों की तुलना में स्थिर रही। इसका मुख्य कारण सरकार द्वारा घाटे में कटौती और घरेलू व निजी कंपनियों की ओर से निवेश मांग में थोड़ी सुस्ती रही।
मुद्रास्फीति 4% के लक्ष्य के आसपास रहने की उम्मीद
RBI ने भरोसा जताया कि अगले 12 महीनों में खुदरा महंगाई 4% के लक्ष्य के करीब बनी रहेगी। इससे मौद्रिक नीति में लचीलापन बना रहेगा और विकास को समर्थन मिलेगा। रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2025-26 में भी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी रहेगी, जिसमें निजी खपत में वृद्धि, मजबूत बैंकिंग सेक्टर, आसान वित्तीय स्थितियां और सरकार के पूंजीगत निवेश का योगदान रहेगा।
सेवाओं के व्यापार और प्रवासी भारतीयों के रेमिटेंस से चालू खाता घाटा (CAD) संतुलन में रहने की उम्मीद। सरकार द्वारा बीमा क्षेत्र में FDI सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% करना, और भारतीय सरकारी बांड का वैश्विक सूचकांकों में शामिल होना, विदेशी निवेश को बढ़ावा देगा।