विनिर्माण क्षेत्र मजबूत वृद्धि, विस्तार की राह पर अग्रसरः फिक्की सर्वेक्षण

Edited By Updated: 09 Oct, 2025 04:49 PM

manufacturing sector shows strong growth continues expansion

देश का विनिर्माण क्षेत्र मजबूत वृद्धि और विस्तार की राह पर है। सितंबर तिमाही में 87 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने उत्पादन स्तर में वृद्धि या स्थिरता दर्ज की है। एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह बात कही गई है। उद्योग मंडल फिक्की के नवीनतम सर्वेक्षण के मुताबिक,...

नई दिल्लीः देश का विनिर्माण क्षेत्र मजबूत वृद्धि और विस्तार की राह पर है। सितंबर तिमाही में 87 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने उत्पादन स्तर में वृद्धि या स्थिरता दर्ज की है। एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह बात कही गई है। उद्योग मंडल फिक्की के नवीनतम सर्वेक्षण के मुताबिक, अप्रैल-जून तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े प्रतिभागियों के बीच यह अनुपात 77 प्रतिशत था। इस तरह विनिर्माण गतिविधियों में सुधार देखा गया है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष जुलाई-सितंबर 2025-26 तिमाही के दौरान उत्पादन और मांग दोनों में सुधार के संकेत मिले हैं। 

सर्वेक्षण में आठ प्रमुख क्षेत्रों- वाहन एवं कलपुर्जे, पूंजीगत वस्तुएं, रसायन, उर्वरक एवं दवा, इलेक्ट्रॉनिक्स, टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद एवं दूरसंचार, मशीनी उपकरण, धातु उत्पाद और वस्त्र एवं तकनीकी वस्त्र से जुड़ी कंपनियां शामिल थीं। फिक्की ने कहा कि घरेलू मांग में भी आशावाद झलक रहा है। करीब 83 प्रतिशत उत्तरदाता जुलाई-सितंबर तिमाही में ऑर्डर बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं और इसमें हाल में घोषित जीएसटी दर कटौती की अहम भूमिका होने की संभावना है। हालांकि, उत्पादन लागत लगातार ऊपरी स्तर पर बनी हुई है। 50 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने बिक्री के अनुपात में लागत बढ़ने की बात कही, जो पिछले तिमाही के अनुरूप है। लागत में वृद्धि का प्रमुख कारण कच्चे माल जैसे थोक रसायन, धातु कोक, लौह अयस्क के दाम बढ़ना, मजदूरी व्यय और परिवहन एवं बिजली की बढ़ी लागत बताया गया है। 

सर्वे में शामिल विनिर्माण इकाइयों का संयुक्त वार्षिक कारोबार तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक है। औसतन उत्पादन क्षमता उपयोग करीब 75 प्रतिशत है, जो क्षेत्र में टिकाऊ आर्थिक गतिविधियों का संकेत है। रिपोर्ट कहती है कि भविष्य का निवेश परिदृश्य भी सकारात्मक है। आधे से अधिक उद्योगों ने अगले छह महीनों में निवेश और विस्तार की मंशा जताई है। हालांकि, वैश्विक अनिश्चितता, व्यापार प्रतिबंध, श्रम की उपलब्धता, कच्चे माल की कमी और नियामकीय जटिलताओं जैसी चुनौतियां अब भी मौजूद हैं। दूसरी तिमाही में 70 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने कहा कि उनके निर्यात पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में अधिक या समान स्तर पर रहेंगे। यह अनुपात पहली तिमाही में करीब 61 प्रतिशत था। 

सर्वेक्षण के मुताबिक, विनिर्माताओं द्वारा औसतन 8.9 प्रतिशत ब्याज दर का भुगतान किया जा रहा है। 81 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं ने कहा कि कार्यशील पूंजी या दीर्घकालीन पूंजी के लिए बैंकों से पर्याप्त वित्तीय सहायता मिल रही है। करीब 80 प्रतिशत उद्योगों ने कार्यबल की उपलब्धता को पर्याप्त बताया, जबकि शेष 20 प्रतिशत का कहना है कि कुशल श्रमिकों की कमी अब भी बनी हुई है और इस दिशा में सरकार व उद्योग दोनों को और प्रयास करने की जरूरत है।
 

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!