रेलवे की प्रॉपर्टी पर अब ''तीसरी आंख'' से नजर रखी जाएगी। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि रेलवे प्रॉपर्टी की निगरानी करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निंजा नाम के ड्रोन खरीदे गए हैं। सेंट्रल रेलवे के मुंबई डिविजन
बिजनेस डेस्कः रेलवे की प्रॉपर्टी पर अब 'तीसरी आंख' से नजर रखी जाएगी। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि रेलवे प्रॉपर्टी की निगरानी करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निंजा नाम के ड्रोन खरीदे गए हैं। सेंट्रल रेलवे के मुंबई डिविजन ने रेलवे के इलाकों जैसे स्टेशन परिसर, पटरियों, यार्ड और वर्कशॉप्स वगैरह की बेहतर सुरक्षा और निगरानी के लिए 2 निंजा यूएवी (अनमैन्ड एरियल वीइकल्स) की खरीद की है।
इन ड्रोन्स से रेलवे की संपत्तियों के निरीक्षण और यार्ड्स, वर्कशॉप्स, कार शेड्स की सुरक्षा में मदद मिलेगी। इसके अलावा यह अपराधियों पर नजर रखने और जुआ, रेलवे परिसरों में जुआ खेलने, कूड़ा फेंकने जैसी ऐंटी-सोशल गतिविधियों की निगरानी करने में भी मदद मिलेगी।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट करके बताया कि आसमान में निगाह, सर्विलांस सिस्टम में सुधार करते हुए रेलवे ने हाल ही में निंजा अनमैन्ड एरियल वीइकल्स (ड्रोन) खरीदा है। रियल-टाइम ट्रैकिंग, वीडियो स्ट्रीमिंग और ऑटोमैटिक फेलसेफ मोड की क्षमताओं से लैस इन ड्रोन्स से रेलवे की संपत्तियों की निगरानी और बढ़ेगी और यात्रियों की अतिरिक्त सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

रेल मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि आगे चलकर 97.52 लाख की लागत से 17 और ड्रोन खरीदे जाने का प्रस्ताव है। ड्रोन्स को चलाने और उनके रखरखाव के लिए आरपीएफ के 19 जवानों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इनमें से 4 ने ड्रोन उड़ाने का लाइसेंस भी हासिल कर लिया है। 6 और आरपीएफ कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। बयान में कहा गया है कि ड्रोन की तैनाती का मकसद आरपीएफ की क्षमताओं में इजाफा और ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा कर्मियों की मदद करना है।

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