Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Nov, 2020 02:54 PM
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) नवंबर में लगातार दूसरे महीने भारतीय बाजारों में शुद्ध निवेशक बने रहे। एफपीआई ने नवंबर में भारतीय बाजारों में शुद्ध रूप से 62,951 करोड़ रुपए डाले हैं। इस दौरान एफपीआई ने शेयर बाजारों में रिकॉर्ड निवेश किया है।
नई दिल्लीः विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) नवंबर में लगातार दूसरे महीने भारतीय बाजारों में शुद्ध निवेशक बने रहे। एफपीआई ने नवंबर में भारतीय बाजारों में शुद्ध रूप से 62,951 करोड़ रुपए डाले हैं। इस दौरान एफपीआई ने शेयर बाजारों में रिकॉर्ड निवेश किया है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने नवंबर में शेयरों में शुद्ध रूप से 60,358 करोड़ रुपए का निवेश किया है। वहीं ऋण या बांड बाजार में उनका शुद्ध निवेश 2,593 करोड़ रुपए रहा है। इस तरह तीन से 27 नवंबर के दौरान एफपीआई ने भारतीय बाजारों में शुद्ध रूप से 62,951 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
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नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लि. द्वारा जब से एफपीआई के आंकड़े उपलब्ध कराए जा रहे हैं, शेयर बाजारों में निवेश का यह उनका सबसे ऊंचा स्तर है। ग्रो के सह-संस्थापक एवं मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) हर्ष जैन ने कहा कि वैश्विक निवेशक विकसित बाजारों की तुलना में उभरते बाजारों में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसकी वजह है कि उभरते बाजारों में उन्हें लाभ होने की अधिक संभावना है।
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जैन ने कहा, ‘‘एफपीआई ने भारत में कुछ बड़ी कंपनियों में निवेश किया है। उनका ज्यादातर निवेश बैंकिंग क्षेत्र में आया है। ऐसे में उनका निवेश का प्रवाह कुछ शेयरों में केंद्रित है।'' मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘नवंबर में कुछ अनिश्चितताएं पीछे छूट गई हैं। इनमें से एक अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता है।'' श्रीवास्तव ने कहा कि विकसित बाजारों की तुलना में आकर्षक मूल्यांकन तथा डॉलर की कमजोरी की वजह से भी एफपीआई भारतीय बाजारों में निवेश कर रहे हैं।
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