Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Nov, 2025 12:17 PM

बदलती टेक्नोलॉजी की दुनिया में जहां कैशलेस पेमेंट तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, वहीं यूरोप का देश स्वीडन इस क्षेत्र में ऐतिहासिक मुकाम पर पहुंच गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वीडन अब पूरी तरह 100 प्रतिशत कैशलेस देश बन चुका है यानी यहां अब कोई भी...
बिजनेस डेस्कः बदलती टेक्नोलॉजी की दुनिया में जहां कैशलेस पेमेंट तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, वहीं यूरोप का देश स्वीडन इस क्षेत्र में ऐतिहासिक मुकाम पर पहुंच गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वीडन अब पूरी तरह 100 प्रतिशत कैशलेस देश बन चुका है यानी यहां अब कोई भी लेन-देन नकद में नहीं किया जाता।
कैश फ्री हो गया पूरा स्वीडन
देशभर की दुकानों और सेवाओं में अब 'नगद स्वीकार नहीं है' के बोर्ड आम हो गए हैं। डिजिटल पेमेंट को अपनाने में न सिर्फ युवाओं, बल्कि बुजुर्गों ने भी बड़ी भूमिका निभाई है। आमतौर पर माना जाता है कि बुजुर्ग नई तकनीक से दूरी रखते हैं लेकिन स्वीडन में उन्होंने ऑनलाइन पेमेंट को अपनाकर इस धारणा को बदल दिया है।
मोबाइल ऐप ‘Swish’ बना क्रांति का आधार
स्वीडन में यह डिजिटल क्रांति मोबाइल पेमेंट ऐप ‘Swish’ के जरिए संभव हुई। इसकी शुरुआत साल 2012 में देश के प्रमुख बैंकों ने मिलकर की थी। आज देश की करीब 75% आबादी यानी 80 लाख से अधिक लोग इस ऐप का उपयोग करते हैं।
कैश लेन-देन का ग्राफ लगभग शून्य
2010 में जहां देश में करीब 40% ट्रांजेक्शन नकद में होते थे, वहीं 2023 तक यह घटकर 1% से भी कम रह गया। 2025 तक यह पूरी तरह खत्म हो चुका है। अब स्वीडन को दुनिया का पहला पूर्णतः डिजिटल और कैशलेस देश कहा जा रहा है।
स्वीडन का यह मॉडल अब अन्य देशों के लिए प्रेरणा बन गया है, जो डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने की दिशा में काम कर रहे हैं।