Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Sep, 2025 12:31 PM

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में 6.77 लाख करोड़ रुपए की बाजार से उधारी जुटाने की योजना बनाई है। इससे चालू वित्त वर्ष के लिए कुल उधारी का अनुमान 10,000 करोड़ रुपए कम हो गया है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि बजट...
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी छमाही में 6.77 लाख करोड़ रुपए की बाजार से उधारी जुटाने की योजना बनाई है। इससे चालू वित्त वर्ष के लिए कुल उधारी का अनुमान 10,000 करोड़ रुपए कम हो गया है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि बजट 2025-26 में सरकार ने 14.82 लाख करोड़ रुपए की सकल उधारी का अनुमान जताया था। हालांकि वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में सरकार की उधारी 5,000 करोड़ रुपए कम हुई। इसके अलावा दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) के अनुमान में भी 5,000 करोड़ रुपए की कटौती कर दी गई है। इस तरह से चालू वित्त वर्ष के लिए कुल उधारी अब 14.72 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। यह बजट अनुमान से 10,000 करोड़ रुपए कम होगा।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि दूसरी छमाही की 6.77 लाख करोड़ रुपए की उधारी में से 10,000 करोड़ रुपए सरकारी हरित बॉन्ड के जरिये जुटाए की योजना है। पहली छमाही में सरकार ने आठ लाख करोड़ रुपए उधार लेने की योजना बनाई थी, जिसमें से 7.95 लाख करोड़ रुपए ही उधार लिए गए। सरकार दूसरी छमाही में उधारी की योजना को 22 साप्ताहिक नीलामी के माध्यम से छह मार्च 2026 तक पूरा करेगी।
आर्थिक मामलों की सचिव अनुराधा ठाकुर ने कहा कि कुल सकल उधारी अब 14.72 लाख करोड़ रुपए है, जो प्रारंभिक अनुमान से थोड़ा कम है। उन्होंने कहा, "मैं यह बात फिर कहूंगी कि सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के प्रति प्रतिबद्ध है।" सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.4 प्रतिशत तक लाना है, जो वित्त वर्ष 2024-25 में 4.8 प्रतिशत था।