Chhath Puja 2025: इस बार छठ पूजा पर होगा ₹38,000 करोड़ का कारोबार, CAIT का अनुमान

Edited By Updated: 24 Oct, 2025 05:37 PM

this year chhath puja will generate turnover of 38 000 crore

सूर्य देव की उपासना का प्रमुख पर्व छठ पूजा इस साल 25 अक्टूबर से पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। चार दिनों तक चलने वाले इस पावन त्योहार को लेकर व्यापारियों और स्थानीय उद्योगों में उत्साह है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के अनुसार, इस...

बिजनेस डेस्कः सूर्य देव की उपासना का प्रमुख पर्व छठ पूजा इस साल 25 अक्टूबर से पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। चार दिनों तक चलने वाले इस पावन त्योहार को लेकर व्यापारियों और स्थानीय उद्योगों में उत्साह है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के अनुसार, इस बार छठ पूजा के दौरान देशभर में लगभग 38 हजार करोड़ रुपए का कारोबार होने की उम्मीद है।

बीते साल छठ पूजा में लगभग 31,000 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ था। 2023 में यह आंकड़ा 27,000 करोड़ रुपए था, जो छठ से जुड़े कारोबार में लगातार बढ़ोतरी को दर्शाता है। केवल दिल्ली में ही बिक्री इस बार 6,000 करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर सकती है।

कौन-कौन मनाता है छठ पूजा

छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, महाराष्ट्र, विदर्भ और मध्य प्रदेश में मनाई जाती है। इसके अलावा, देशभर में रह रहे लाखों पूर्वांचली लोग भी इस पर्व को उत्साहपूर्वक मानते हैं।

लोकल कारोबारियों और छोटे उद्योगों को फायदा

CAIT के जनरल सेक्रेटरी और बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, छठ पूजा से जुड़े मुख्य सामान हैं:

  • सूप, दौरा, बांस की टोकरियां, मिट्टी के दीए
  • गन्ना, केला, नारियल, सेब, नींबू, खजूर
  • गेहूं और चावल का आटा, पारंपरिक मिठाइयां (ठेकुआ), पूजा का सामान
  • साड़ियां, लहंगा-चुनरी, सलवार-कुर्ता, धोती और पारंपरिक कपड़े
  • दूध, घी, बर्तन, टेंट और मेहमाननवाजी की सेवाएं

खंडेलवाल ने बताया कि स्थानीय उत्पाद और हस्तशिल्प की बिक्री में इस बार भी उछाल देखा जा रहा है, जिससे छोटे कारोबारियों और स्थानीय उद्योगों को लाभ मिल रहा है।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

खंडेलवाल ने कहा, “छठ पूजा केवल धार्मिक पर्व नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा है। यह सामाजिक सद्भाव और समर्पण का प्रतीक है। साथ ही, यह कारोबार को बढ़ावा देता है और लोकल प्रोडक्ट्स को फायदा पहुंचाता है, जिससे प्रधानमंत्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन को मजबूती मिलती है।”
 

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