आपकी गाड़ी में भी लगे हैं ऐसे स्टीकर, तो हो जाएं सावधान, ‘सब फड़े जाणगे’

Edited By Priyanka rana,Updated: 25 Jan, 2020 10:31 AM

now you will not be able to put sticker in the car

रौब या शान दिखाने के लिए सरकारी या निजी वाहन पर सांसद, विधायक, मेयर, पार्षद, चेयरमैन, डायरैक्टर, एडवोकेट, सी.ए., प्रैस, पुलिस, डॉक्टर, आर्मी, भारत सरकार, पंजाब सरकार, हरियाणा सरकार या किसी राजनीतिक पार्टी का नाम या झंडी लगाकर चलने वाले ‘सब फड़े जाणगे

चंडीगढ़(रमेश) : रौब या शान दिखाने के लिए सरकारी या निजी वाहन पर सांसद, विधायक, मेयर, पार्षद, चेयरमैन, डायरैक्टर, एडवोकेट, सी.ए., प्रैस, पुलिस, डॉक्टर, आर्मी, भारत सरकार, पंजाब सरकार, हरियाणा सरकार या किसी राजनीतिक पार्टी का नाम या झंडी लगाकर चलने वाले ‘सब फड़े जाणगे’ क्योंकि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश जारी करते हुए इसे गैर-कानूनी करार दिया है और ट्रैफिक रूल्स का उल्लंघन बताते हुए पुलिस को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 

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अब सिर्फ एम्बुलैंस, फायरब्रिगेड और आपात सेवाओं में लगे वाहनों पर ही लिखा जा सकेगा और अगर किसी वाहन में बीमार व्यक्ति को ले जाया जा रहा है तो उस वाहन को एम्बुलैंस की श्रेणी में माना जाएगा। किसी संस्था, सोसायटी, क्लब की पार्किंग या एंट्री स्टीकर लगाने की अनुमति रहेगी। जस्टिस राजीव शर्मा पर आधारित बैंच ने ट्रैफिक कंट्रोल को लेकर चल रहे मामले की सुनवाई करते हुए उक्त आदेश जारी किए और सबसे पहले जस्टिस राजीव शर्मा ने अपने ड्राइवर को बुलाकर अपनी सरकारी गाड़ी में लिखा हाईकोर्ट मिटाने को कहा। 

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कोर्ट का कहना था कि वाहनों में डैजिग्नेशन, स्टेटस, जॉब प्रोफाइल या जनप्रतिनिधि होने की पहचान या अपने प्रोफैशन को लिखने के पीछे मकसद सिर्फ पुलिस पर रौब दिखाना है ताकि ट्रैफिक के नियम तोडऩे पर उन्हें कोई रोके ना या फिर पार्किंग के पैसे बचाना है। किसी राजनीतिक पार्टी की झंडी, नेता के पोस्टर चिपकाने के पीछे भी मकसद सिर्फ रौब दिखाना है।  

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लेकिन अब यह सब नहीं चलेगा अगर उक्त कोई भी शब्द या पहचान किसी वाहन में लिखी दिखाई दी तो यह यातायात नियमों का उल्लंघन होगा जिस पर चालान कटेगा और अगर संबंधित व्यक्ति वाहन में लिखे या चिपकाए गए स्टिकर से संबंधित नहीं पाया गया तो आपराधिक मामला भी दर्ज किया जाएगा। 

सड़क किनारे वाहन खड़ा दिखे तो उठा लो :
जस्टिस राजीव शर्मा ने कोर्ट में उपस्थित डी.एस.पी. ट्रैफिक जसविंद्र सिंह को आदेश दिए कि अगर कोई भी वाहन सड़क किनारे दिखे तो उसे टो कर लो चाहे वह मुख्य सड़क हो या इंटरनल। 

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कोर्ट ने डी.एस.पी. से पुलिस के पास मौजूद क्रेनों व टोइंग वाहनों की संख्या की जानकारी लेते हुए कहा कि सभी टोइंग व्हीकल 72 घंटे के भीतर इसी काम पर लगा दो। कोर्ट का कहना था कि सड़क किनारे रुककर फोन सुनना या किसी का इंतजार करना ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन है जोकि सड़क हादसों को न्यौता देते हैं। 

एन.एच.ए.आई. को भी बनाया पार्टी :
कोर्ट ने हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा पर वाहनों की पार्किंग को भी गलत बताते हुए केंद्र सरकार को भी मामले में पार्टी बना लिया है और अगली सुनवाई पर एन.एच.ए.आई. की ओर से कौंसिल चेतन मित्तल को पेश होने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि टोल प्लाजा पर वाहनों की भीड़ रहती है ऐसे में वहां कई पार्क किए गए वाहन खतरनाक साबित होते हैं।

छात्रों को दें ट्रैफिक कंट्रोल की जिम्मेदारी :
कोर्ट मित्र ने बताया कि कॉलेजों और स्कूलों में स्टूडैंट्स को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है और स्टूडैंट्स को आसपास के ट्रैफिक के प्रति जागृत करने को कहा जाता है और वह कर भी रहे हैं।

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जस्टिस राजीव शर्मा ने हिदायतें दी हैं कि स्टूडैंट्स को अपने स्कूल के आसपास ट्रैफिक कंट्रोल किए जाने की जिम्मेदारी दी जाए जिससे लोग अधिक जागरूक होंगे। मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी। 

ट्राईसिटी के डी.सी. करें स्कूल बसों में लगे कैमरों की जांच :
कोर्ट ने चंडीगढ़, मोहाली व पंचकूला के उपायुक्तों को आदेश जारी किए हैं कि स्कूली बसों में स्थापित किए गए सी.सी.टी.वी. कैमरे सही कार्य कर रहे हैं या नहीं यह सुनिश्चित किया जाए, जिसके लिए कमेटी बनाकर कर तीन माह में स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा गया है जोकि एफिडैविट के रूप में होगी।  

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