Amla Navami Vrat Vidhi: मां लक्ष्मी ने किया था आंवला नवमी व्रत परंपरा का आरंभ, आप भी अपनाएं ये विधि

Edited By Updated: 30 Oct, 2025 12:08 PM

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Amla Navami Vrat 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार आंवला नवमी का दिन भगवान विष्णु, शिव और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से मनुष्य को दीर्घायु, आरोग्य, सौभाग्य और धनलाभ प्राप्त होता है।...

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Amla Navami Vrat 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार आंवला नवमी का दिन भगवान विष्णु, शिव और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से मनुष्य को दीर्घायु, आरोग्य, सौभाग्य और धनलाभ प्राप्त होता है। आंवला वृक्ष में तुलसी (विष्णु प्रिय) और बेलपत्र (शिव प्रिय) दोनों के गुण निहित माने जाते हैं। इसलिए यह पूजा दोनों देवताओं को एक साथ प्रसन्न करने का उत्तम माध्यम है।

Amla Navami Vrat

Amla Navami Puja Vidhi आंवला नवमी व्रत विधि
प्रातः कालीन तैयारी
कार्तिक नवमी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करें।
स्वच्छ वस्त्र (सफेद या पीले) धारण करें।
मन में संकल्प लें — “मैं भगवान विष्णु, शिव और माता लक्ष्मी की कृपा हेतु आंवला नवमी व्रत रखती/रखता हूं।”

आंवला वृक्ष की पूजा
आंवले के पेड़ के नीचे साफ स्थान बनाएं।
पेड़ के चारों ओर रोली, चावल, पुष्प और जल अर्पित करें।
दीपक जलाएं और धूप लगाएं।

पेड़ की 7 बार परिक्रमा करें और हर परिक्रमा में यह मंत्र बोलें, ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

भगवान विष्णु और शिव की आराधना
पेड़ के पास विष्णु जी और शिव जी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
तुलसी पत्र, बेलपत्र, धूप, दीप और फूल चढ़ाएं।

विष्णु मंत्र-ॐ नारायणाय नमः

शिव मंत्र- ॐ नमः शिवाय

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माता लक्ष्मी की पूजा
आंवला वृक्ष की जड़ में चावल की वेदी बनाकर लक्ष्मी माता की पूजा करें। घी का दीपक जलाएं और यह मंत्र बोलें- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः

भोग और प्रसाद
घर का बना शुद्ध भोजन जैसे खीर, पूड़ी और चने का भोग लगाएं। उसी भोजन को परिवार सहित वृक्ष के नीचे बैठकर ग्रहण करें।
यह प्रसाद अन्नदान का पुण्य फल देता है।

Amla Navami Mantra Sangrah आंवला नवमी के मंत्र संग्रह
विष्णु स्तुति मंत्र: ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

शिव स्तुति मंत्र: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्

लक्ष्मी स्तुति मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः

आंवला पूजन मंत्र: ॐ धात्री वृक्ष महाभागे सर्वदेव नमोऽस्तु ते। विष्णुशंकरसंयुक्ते नमस्ते लोकपावने॥

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Amla Navami Vrat Benefits आंवला नवमी व्रत के लाभ
भगवान विष्णु और शिव दोनों की संयुक्त कृपा प्राप्त होती है।
दरिद्रता, रोग और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
परिवार में सुख, सौहार्द और समृद्धि आती है।
व्रती को संतान सुख और मोक्ष प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है।

Amla Navami Rules आंवला नवमी व्रत नियम
व्रत के दिन लहसुन, प्याज और मांसाहार का त्याग करें।
वृक्ष की डाली या पत्ते नहीं तोड़ें।
पूजा के बाद वृक्ष के नीचे दीपक अवश्य जलाएं।
ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को अन्न दान करें।

Amla Navami Vrat Katha Summary आंवला नवमी कथा सारांश
माता लक्ष्मी ने जब एक साथ विष्णु और शिव की पूजा की इच्छा प्रकट की, तो उन्हें आंवले के वृक्ष में दोनों देवताओं के गुण मिले। उन्होंने आंवले के वृक्ष की पूजा की जिससे प्रसन्न होकर विष्णु और शिव स्वयं प्रकट हुए। तभी से कार्तिक शुक्ल नवमी को आंवला नवमी व्रत करने की परंपरा आरंभ हुई। 

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