Edited By Prachi Sharma,Updated: 03 Dec, 2025 01:18 PM

Annapurna Jayanti 2025: माता अन्नपूर्णा, साक्षात देवी पार्वती का ही एक स्वरूप हैं, जिन्हें अन्न, पोषण और समृद्धि की देवी माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जब भगवान शिव ने अन्न के महत्व को न समझा, तब माता पार्वती ने अन्नपूर्णा का रूप लेकर...
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Annapurna Jayanti 2025: माता अन्नपूर्णा, साक्षात देवी पार्वती का ही एक स्वरूप हैं, जिन्हें अन्न, पोषण और समृद्धि की देवी माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, जब भगवान शिव ने अन्न के महत्व को न समझा, तब माता पार्वती ने अन्नपूर्णा का रूप लेकर पृथ्वी से सारा अन्न विलुप्त कर दिया था। इसके बाद, महादेव ने भिक्षा मांगकर उनका महत्व समझा और काशी में माता ने उन्हें तथा समस्त प्राणियों को भोजन प्रदान किया। इसी दिवस को अन्नपूर्णा जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व हर साल मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि को आता है। साल 2025 में अन्नपूर्णा जयंती 4 दिसंबर, गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन पूजा, व्रत और अन्न दान का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इस शुभ दिन पर दान करने से माता अन्नपूर्णा अत्यंत प्रसन्न होती हैं और साधक के घर में अन्न तथा धन का भंडार कभी खाली नहीं होता है। दरिद्रता दूर होती है और सौभाग्य बना रहता है।
अन्नपूर्णा जयंती पर दान करने योग्य शुभ वस्तुएं
अन्न
अन्नपूर्णा जयंती पर सबसे बड़ा और श्रेष्ठ दान अन्न का ही होता है। गेहूं, चावल, दाल और 7 प्रकार के अनाज। किसी गरीब, भूखे व्यक्ति या ब्राह्मण को आदरपूर्वक भोजन कराएं। अन्न का दान करने से देवी अन्नपूर्णा तत्काल प्रसन्न होती हैं। यह दान व्यक्ति को अक्षय पुण्य प्रदान करता है। घर में कभी भी अन्न के भंडार खाली नहीं होते और परिवार को हमेशा पोषण मिलता रहता है।
हल्दी और नमक का दान
हल्दी और नमक दोनों ही रसोई के आवश्यक और पवित्र अंग हैं। हल्दी का संबंध शुभता से और नमक का संबंध बरकत से होता है। हल्दी का दान घर में मांगलिक कार्यों और सुख-शांति को सुनिश्चित करता है। नमक का दान घर से नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता को दूर करता है, जिससे धन-वैभव में वृद्धि होती है।

रसोई के बर्तन और उपकरण
माता अन्नपूर्णा का वास रसोई घर और उसमें मौजूद बर्तनों में माना जाता है। किसी गरीब परिवार को नए बर्तन या रसोई गैस का चूल्हा दान करें। यदि यह संभव न हो, तो किसी भिक्षु को पानी पीने का कलश या तांबे का पात्र दान करें। यह उपाय सीधे देवी अन्नपूर्णा के क्षेत्र को सक्रिय करता है। घर की रसोई में बरकत बनी रहती है और अन्न को पकाने वाले साधनों की कमी नहीं होती। यह आपके व्यवसाय में भी सफलता लाता है।
वस्त्र दान
दान किए गए वस्त्र देवी-देवताओं का आदर प्राप्त करते हैं और दानकर्ता को पुण्य देते हैं। किसी ज़रूरतमंद को गर्म वस्त्र या साफ-सुथरे नए वस्त्र दान करें। वस्त्र दान करने से जीवन में मान-सम्मान और सौभाग्य की वृद्धि होती है।
