Edited By Prachi Sharma,Updated: 14 Nov, 2025 01:44 PM

Banke Bihari Mandir: वृंदावन स्थित ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में बढ़ती भीड़ और दर्शन के दौरान होने वाली अव्यवस्था को देखते हुए मंदिर की उच्चाधिकार प्रबंधन समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बड़ा कदम उठाया है। समिति की योजना मंदिर परिसर और चबूतरे के...
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Banke Bihari Mandir: वृंदावन स्थित ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में बढ़ती भीड़ और दर्शन के दौरान होने वाली अव्यवस्था को देखते हुए मंदिर की उच्चाधिकार प्रबंधन समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बड़ा कदम उठाया है। समिति की योजना मंदिर परिसर और चबूतरे के किनारों पर रेलिंग लगवाने की है, ताकि भक्तों को व्यवस्थित और कतारबद्ध तरीके से दर्शन करवाए जा सकें।
चूंकि मंदिर की इमारत बहुत पुरानी है, इसलिए रेलिंग लगाने से पहले स्ट्रक्चर की मजबूती का वैज्ञानिक मूल्यांकन जरूरी माना गया। इसी उद्देश्य से समिति ने आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञ इंजीनियरों को स्ट्रक्चर ऑडिट के लिए आमंत्रित किया।
गुरुवार को आई.आई.टी रुड़की के प्रोफेसर संजय मंदिर पहुंचे। उन्होंने मंदिर की दीवारों, छत, फर्श, चबूतरे और उन स्थानों का स्थल निरीक्षण किया जहां रेलिंग लगाई जानी है। प्रोफेसर ने फर्श में बने पुराने गड्ढों और ढांचे की स्थिति के बारे में मंदिर प्रबंधन से विस्तृत जानकारी भी ली। बताया गया कि कोविड काल के दौरान मंदिर का नया फर्श बनवाया गया था, जबकि इससे पहले लगी रेलिंगें लगभग बारह वर्ष पूर्व हटाई गई थीं, जिससे कुछ क्षेत्रों में समय के साथ गड्ढे हो गए थे।
स्थलीय निरीक्षण के बाद प्रोफेसर संजय अब प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार करेंगे और इसे आई.आई.टी रुड़की की टीम के साथ साझा करेंगे। इसके आधार पर एक बड़ी टीम गठित कर आगे गहन सर्वे किया जाएगा। विस्तृत सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही मंदिर में रेलिंग लगाने का कार्य औपचारिक रूप से शुरू किया जाएगा।
समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने अपनी पहली बैठक में ही तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और सुचारू दर्शन व्यवस्था को प्राथमिकता देते हुए रेलिंग लगाने का प्रस्ताव रखा था। समिति के सभी सदस्यों की सहमति के बाद स्ट्रक्चर ऑडिट करवाने का निर्णय लिया गया।
जिलाधिकारी एवं समिति सचिव सीपी सिंह ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति का उद्देश्य है कि मंदिर में प्रतिदिन आने वाले हजारों-लाखों श्रद्धालुओं को सुरक्षित और आरामदायक तरीके से दर्शन कराए जा सकें। रेलिंग लगाने की यह पहल उसी दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है।