Edited By Sarita Thapa,Updated: 16 Nov, 2025 07:54 AM

वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर सिर्फ दर्शन का स्थान नहीं है, बल्कि यहां भक्ति की एक खास मधुर सुगंध बसती है। अगर आप पहली बार मंदिर जा रहे हैं, तो यह जानना बहुत ज़रूरी है कि बिहारी जी को कौन सा प्रसाद चढ़ाया जाता है और उसकी अपनी क्या महत्ता है।
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Banke Bihari Temple Prasad: वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर सिर्फ दर्शन का स्थान नहीं है, बल्कि यहां भक्ति की एक खास मधुर सुगंध बसती है। अगर आप पहली बार मंदिर जा रहे हैं, तो यह जानना बहुत ज़रूरी है कि बिहारी जी को कौन सा प्रसाद चढ़ाया जाता है और उसकी अपनी क्या महत्ता है। यहां प्रसाद कोई औपचारिक चीज़ नहीं, बल्कि श्रद्धा का वह रूप है जो आप प्रेम से ठाकुर जी को अर्पित करते हैं। मंदिर में कुछ खास प्रसाद ऐसे हैं जिन्हें बरसों से भक्त बेहद लगन से चढ़ाते आ रहे हैं। तो आइए जानते हैं कि ठाकुर जी को कौन सा प्रसाद चढ़ाया जाता है।
मंदिर का मुख्य प्रसाद- मिश्री और तुलसी
बांके बिहारी जी को चढ़ाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण और पारम्परिक प्रसाद मिश्री और तुलसी दल है। मंदिर के अंदर, दर्शन के बाद, भक्तों को यही मिश्री और तुलसी प्रसाद के रूप में वितरित की जाती है। यह सबसे शुद्ध और सबसे अधिक स्वीकार्य प्रसाद माना जाता है। इसे महाप्रसाद भी कहा जाता है, जिसे भक्त प्रेम से ग्रहण करते हैं।
माखन-मिश्री
भगवान कृष्ण को बचपन में माखन बहुत प्रिय था, इसलिए वृंदावन के सभी मंदिरों में, जिनमें बांके बिहारी मंदिर भी शामिल है, माखन-मिश्री का प्रसाद बहुत ही श्रद्धा से चढ़ाया जाता है। भक्त इसे अपनी तरफ से बिहारी जी को भोग लगाने के लिए लाते हैं। हालांकि, मंदिर के अंदर माखन-मिश्री के भोग की अपनी व्यवस्था और समय होता है।

सूखे मेवे
वृंदावन और मथुरा के मंदिरों में पेड़ा एक बहुत ही लोकप्रिय प्रसाद है। इसके अलावा, कई भक्त भगवान को सूखे मेवे भी अर्पित करते हैं। विशेष पूजन या किसी संकल्प के साथ आने वाले भक्त बादाम, काजू, किशमिश जैसे मेवे चढ़ाते हैं। इसे नैवैद्य का शाही रूप माना जाता है।
पेड़ा
मथुरा के पेड़े की प्रसिद्धि दूर-दूर तक है, और इसे बिहारी जी को अर्पित करना एक आम चलन है। वृंदावन के ताज़े, मुलायम पेड़े मंदिर में सबसे लोकप्रिय प्रसादों में से एक हैं। यह प्रसाद प्रेम और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
