Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 Jun, 2025 08:05 AM
हिंदू धर्म में सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक के नियम बताए गए हैं। इन्हीं में से एक है भोजन करने के नियम। भोजन को देवता के समान ही माना गया है। ऐसे में खाना खाने से पहले भोजन को प्रणाम करके ही खाना खाने की सलाह दी जाती है लेकिन कई लोगों की आदत...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
हिंदू धर्म में सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक के नियम बताए गए हैं। इन्हीं में से एक है भोजन करने के नियम। भोजन को देवता के समान ही माना गया है। ऐसे में खाना खाने से पहले भोजन को प्रणाम करके ही खाना खाने की सलाह दी जाती है लेकिन कई लोगों की आदत होती है कि वो खाना-खाने के बाद अक्सर अपना हाथ उसी थाली में धो लेते हैं, जिसमें खाना खाते हैं। हिंदू धर्म की मानें तो ऐसा करना अपशकुन माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से अन्न की देवी रूठ जाती हैं और बुरे दिन शुरू हो जाते हैं। शास्त्रों में कहा जाता है कि अगर माता अन्नपूर्णा नाराज़ हो जाती हैं तो इससे आपकी दरिद्रता की शुरुआत हो जाती है। घर में धन-दौलत खत्म होने लगती है और आप देखते ही देखते सड़क पर आ जाते हैं।
ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि अगर कोई शख्स खाना खाने के बाद उसी थाली में हाथ धोता होता है तो इससे धन की देवी माता लक्ष्मी और अन्न की देवी माता अन्नपूर्णा बहुत नाराज़ होती हैं इसलिए कहा जाता है कि हमें थाली में खाना खाने के बाद हाथ नहीं धोना चाहिए और अन्न के हर एक दाने का सम्मान करना चाहिए।

पुराणों में अन्न का अपमान करने को बड़े पाप के समान माना गया है इसलिए कहा जाता है कि थाली में उतना ही खाना लेना चाहिए, जितना की व्यर्थ न हो। थाली में जब आप खाना खाने के बाद छोड़ते हैं तो इससे अन्न की देवी अन्नपूर्णा का क्रोध आप पर बरसता है और आप धीरे-धीरे बर्बादी की राह पर आगे बढ़ते हैं और दिन-प्रतिदिन आपके घर में रुपए-पैसे की किल्लत देखने को मिलने लगती है।

इसके अलावा ध्यान रखें जब भी थाली में खाना परोसे तो इसकी संख्या 2 या 4 रोटी हो। जब भी खाने की थाली परोसें तो ध्यान रखें कि उसमें तीन रोटियां न हों। ये सनातन परंपरा के लिए अपशकुन होता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि 3 रोटी वाली थाली मृतक को समर्पित होती है। जिस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है उसके नाम की थाली में 3 रोटियां रखी जाती हैं।
मान्यता है कि थाली को हमेशा लकड़ी के पटरे पर रखकर भोजन करना चाहिए। हमें उन सभी नियमों को ध्यान में रखना चाहिए, जिससे अन्न का सम्मान होता रहे। यदि लकड़ी का पटरा न हो तो आप चटाई आदि का प्रयोग कर सकते हैं। इसके साथ ही भोजन की थाली को कभी एक हाथ से नहीं पकड़ना चाहिए। ऐसा करने से खाना प्रेत योनि में चला जाता है। शास्त्रों में भोजन से पहले भगवान का ध्यान लगाना उत्तम बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि खाना खाते समय क्रोध और बातचीत नहीं करनी चाहिए।
