Chaitra Navratri Ashtami Navami: नवरात्रि की महाअष्टमी-महानवमी से जुड़े 5 खास सटीक नियम, वरना कंगाल होने में नहीं लगेगी देर

Edited By Updated: 16 Apr, 2024 10:01 AM

चैत्र नवरात्रि के बेहद ही पवित्र दिन चल रहे हैं। चैत्र नवरात्रि के 9 दिन बहुत शुभ होते हैं। वैसे तो नवरात्रि के सभी दिन बेहद खास होते हैं लेकिन नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि को बहुत विशेष माना गया है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के बेहद ही पवित्र दिन चल रहे हैं। चैत्र नवरात्रि के 9 दिन बहुत शुभ होते हैं। वैसे तो नवरात्रि के सभी दिन बेहद खास होते हैं लेकिन नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि को बहुत विशेष माना गया है। इन दोनों तिथियों पर माता रानी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही हवन और कन्या पूजन किया जाता है। इस बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी 16 अप्रैल और नवमी तिथि 17 अप्रैल को पड़ रही है। धर्म-शास्त्रों में अष्टमी और महानवमी को लेकर कुछ खास नियम बताए गए हैं। अगर कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता है तो वह मां भगवती की कृपा से वंचित रह जाता है और पूजा का भी कोई फल प्राप्त नहीं होता है। ऐसे में महाष्टमी और महानवमी के दिन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-

PunjabKesari Chaitra Navratri Ashtami Navami par kya na kare

सबसे पहला नियम चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि को काले रंग के कपड़े भूलकर भी न पहनें। इन दो खास दिनों में काले रंग के कपड़े पहनने से पूजा-पाठ का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अष्टमी के दिन लाल, पीले, गुलाबी और नारंगी रंग के कपड़े पहनने चाहिए। वहीं नवमी के दिन बैंगनी या जामुनी रंग पहनना शुभ माना जाता है।

बात करें दूसरे नियम की तो नवरात्रि के अष्टमी नवमी तिथि को देर तक सोए नहीं बल्कि इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और माता रानी के नाम की ज्योत जलाकर पूजा पाठ करें।

तो वही आपको बता दें कि वैसे तो पूरे नवरात्रि में प्याज- लहसुन का प्रयोग नहीं करना चाहिए लेकिन अष्टमी और नवमी के दिन भूलकर भी प्याज लहसुन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इससे न तो आपको कन्या पूजन का कोई लाभ मिलता है और न ही पूजा पाठ का शुभ फल मिलता है।

आगे आपको बता दें कि यदि आपने अष्टमी का व्रत रखा है तो महानवमी के दिन कन्या पूजन करें।

इसके अलावा शास्त्रों के अनुसार, नवमी तिथि को खाली तिथि के रूप में माना जाता है क्योंकि इस दिन मां दुर्गा की भी विदाई हो जाती है इसलिए इस दिन कोई भी नया काम करने से बचना चाहिए।

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नवरात्रि की नवमी तिथि को लौकी का सेवन नहीं करना चाहिए।

महानवमी के दिन कलश विसर्जन करने के साथ हवन जरूर करना चाहिए। इसके बाद ही पूजा पूर्ण मानी जाती है।

चलिए अब आपको बताते हैं अष्टमी और महानवमी के दिन क्या करना चाहिए-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महानवमी के दिन दुर्गा सप्तशती के उत्तम चरित्र का पाठ जरूर करें। मान्यता है कि इस पाठ को करने से अन्न, धन और यश की प्राप्ति होती है।

अगर आप पर कर्ज का अधिक बोझ है तो अष्टमी या नवमी के दिन हवन पूरा होने के बाद घर पर नौ कन्याओं को बुलाकर उनका पूजन करें, उन्हें भोजन कराएं। साथ ही साथ खीर का भोग अवश्य लगाएं। ऐसा करने से आर्थिक समस्याओं से आपको छुटकारा मिलता है।

आप भी महा अष्टमी और महानवमी के दिन इन जरूरी बातों का ध्यान अवश्य रखें ताकि आपको नवरात्रि के नौ दिनों की पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।

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