Chandra Grahan: आपके लिए कैसा रहेगा चंद्र ग्रहण, जानें देश और दुनिया पर पड़ेगा क्या प्रभाव

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Nov, 2022 06:27 AM

chandra grahan

इस वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण जो आज 8 नवंबर 2022 मंगलवार के दिन है, उसका असर मोटे तौर पर शाम को 5.30 से लेकर 6.20 तक ही रहेगा।

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Chandra grahan 2022 in india date and time: इस वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण जो आज 8 नवंबर 2022 मंगलवार के दिन है, उसका असर मोटे तौर पर शाम को 5.30 से लेकर 6.20 तक ही रहेगा। हालांकि इसका प्रभाव दोपहर डेढ़ बजे से शाम साढ़े 6 बजे तक रहेगा और चंद्रमा की चाल इस प्रकार रहेगी-
ग्रहण स्पर्श आरंभ-14.39
खग्रास आरंभ-15.46
ग्रहण मध्य-16.29
खग्रास समाप्त-17.12
ग्रहण मोक्ष समाप्त-18.19

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Chandra grahan 2022 8 november time in india: यह ग्रहण मेष राशि व भरणी नक्षत्र में लग रहा है और भारत के उत्तरी पूर्व भाग- कोलकत्ता, पटना, गुवाहाटी, अरुणाचल आदि में अधिक दिखेगा। जबकि यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, महासागर, अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में दिखेगा। इसका सूतक सूर्योदय अर्थात सुबह 6.30 से ही माना जाएगा।

उल्टे पुल्टे योग
इस ग्रहण पर उल्टे पुल्टे योग हैं। अक्सर चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा के साथ केतु होता है और सूर्य के साथ राहू परंतु इस ग्रहण पर सूर्य के साथ केतु है और चंद्र के साथ राहू विराजमान है। ज्योतिषीय दृष्टि से इसे बहुत अच्छा नहीं माना जा रहा। यह अधिक और अप्रत्यशित घटनाओं का संकेत दे रहा है। 6 नवंबर को ही तंजानिया में एक वायुयान झील में गिर गया और 25 से अधिक जानें गईं।

निसंदेह ग्रहण एक खगोलीय घटना होती है परंतु इसका वैज्ञानिक और ज्योतिषीय पक्ष अवश्य जानना चाहिए। सूर्य धरती को उष्मा देता है और चंद्र भी रोशनी देता है। जब इनका प्रकाश आना धरती पर रुक जाता है तो पृथ्वी का तापमान प्रभावित होता है। संक्रमण, वायरस होने लगता है। वनस्पति हो या मानव या पशु-पक्षी या घरती का कोई भाग, यह चाहे थोड़ी देर तक ही प्रभावित रहे परंतु रहता अवश्य है। इसे सूतक और ग्रहण काल दोनों में माना जाता है। ज्योतिष में मान्यता है कि ग्रहण के फलों का प्रभाव 41 दिन तक रहता है।

इसीलिए शास्त्रों में गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान अधिक श्रम न करने और सूर्य या चंद्र किरणों के आगे जाने से मना किया जाता है ताकि गर्भस्थ शिशुओं पर विकीरण का कोई असर न पड़े। ग्रहण के दौरान ऐसी महिलाओं को सफेद या हल्के रंग के  कपड़े पहनने चाहिए। राहू के काले, नीले, स्लेटी या गहरे रंगों से परहेज करना चाहिए।

खाने में तुलसी के पत्ते रखने की सलाह दी जाती है परंतु यदि खाद्य सामग्री फ्रिज में या बंद रखी है तो चिंता न करें। ग्रहण के दौरान ईश्वर का नाम लेने, बाद में नदी, सरोवर या घर में नहाने, इसके बाद दान करने के लिए कहा जाता है। ऐसा कष्टकारी समय भजन कीर्तन, मंत्र जाप, पूजा-पाठ करके बिताने, संक्रमण दूर करने और ग्रह शांति विशेषतः सात अनाज का दान करने के लिए कहा जाता है। अब यह सब आधुनिक युग में आपकी इच्छा, आस्था, विश्वास तथा परिस्थिति अनुसार ही संभव है।

Impact of chandra grahan on rashi: अधिकांश लोग ग्रहण का उनकी चंद्रराशि पर क्या प्रभाव रहेगा जानने के इच्छुक रहते हैं परंतु हम यह राशिफल सामान्य तरीके से दे रहे हैं। यदि उनकी कुंडली में ग्रह, दशा, गोचर ठीक या खराब है तो ग्रहण फल उसी के अनुसार होगा।

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मेष- मेष राशि जिसके स्वामी मंगल देवता हैं, उनके लिए चंद्रग्रहण अशुभ होगा, भय पैदा होगा।

वृष- यह चंद्र ग्रहण अच्छा नहीं कहा जा सकता है। अचानक से बड़े संकटों और धन हानि का सामना करना पड़ सकता है।

मिथुन- शुभ फल प्रदान करने वाला रहेगा। करिअर, कारोबार आदि में विशेष लाभ होगा।

कर्क- शुभ फल प्रदान करने वाला और सुख-समृद्धि बढ़ाने वाला साबित होगा।

सिंह- मान-सम्मान पर संकट आ सकता है, ऐसे कार्य को करने से बचना चाहिए, जिसके चलते भविष्य में अपमानित होना पड़े।

कन्या- कुछेक बड़े कष्ट सहने करने पड़ सकते हैं।

तुला- पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

वृश्चिक- यह चंद्र ग्रहण सुख और सौभाग्य प्रदान करने वाला होगा, अटके काम पूरे होंगे।

धनु- चिंताओं को बढ़ाने वाला होगा और उन्हें भविष्य में अनचाही समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।

मकर- पीड़ा का कारक बनेगा, ऐसे में घर से निकलने से बचना चाहिए।

कुंभ- श्री और सौभाग्य को बढ़ाने वाला साबित होगा एवं धन लाभ होगा।

मीन- अचानक नुकसान होगा।

Chandra Grahan 2022 Effects देश और दुनिया के लिए कैसे रहेंगे ग्रहण ?
पिछले महीने 25 अक्तूबर को साल का अंतिम सूर्य ग्रहण लगा था और यह भी अंतिम चंद्र ग्रहण है। सूर्य ग्रहण का संबंध, शासन व सरकार से होता है। चंद्र ग्रहण का मन मस्तिष्क से होता है। सूर्य ग्रहण के कारण सत्ता परिवर्तन, राष्ट्राध्यक्षों को नुक्सान होता है। जैसे हमारी भविष्यवाणी भी थी कि 25 अक्तूबर के सूर्य ग्रहण के 41 दिन पहले और 41 दिन बाद सरकारें एवं शासक प्रभावित होंगे। इंग्लैंड में भारतीय शासक आ गया और पाकिस्तान में पूर्व शासक को गोली मारी गई। वहां के वर्तमान शासक को जनाक्रोश का सामना करना पड़ेगा। ऐसा अन्य कई देशों में संभावित है, जहां वर्तमान शासक को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। भारत के भी कई राज्यों में चुनाव इसी अवधि में होंगे। किसी की कुर्सी जाएगी, किसी की आएगी। प्राकृतिक आपदाओं का जोर रहेगा। मोरबी के पुल टूटने और 140 लोगों के मरने का समाचार मिला। कई जगह भूकंप भी आए।

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चंद्र ग्रहण का संबंध जल से अधिक होता है। इस बार सर्दी, बर्फ अधिक पड़ेगी, मौसम अप्रत्याशित रुप से बदलता रहेगा। तटीय क्षेत्रों में तूफान, सुनामी आने की संभावना अधिक रहेगी। ग्रहण धरती के जिस अक्षांश व रेखांश पर दृश्य होता है, वहां इसका प्रभाव अधिक पड़ता है। पृथ्वी के हर भाग पर इसका असर पड़े यह जरुरी नहीं। 6 नवंबर को ही तंजानिया में एक वायुयान झील में गिर गया और 25 से अधिक जाने गई।

मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्

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