चंद्रोदय मंदिर: श्री कृष्ण के समय का वृंदावन साकार रूप में दिखाई देगा

Edited By ,Updated: 01 Feb, 2017 11:52 AM

chandrodaya temple sri krishna vrindavan time will appear in action

अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के संस्थापक आचार्य श्री श्रीमद् ए सी भक्ति वेदांत स्वामी प्रभुपाद की यह इच्छा थी कि विश्व भर के लोगों को भौतिकता और अस्तित्वों के कष्टों से उबार

अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के संस्थापक आचार्य श्री श्रीमद् ए सी भक्ति वेदांत स्वामी प्रभुपाद की यह इच्छा थी कि विश्व भर के लोगों को भौतिकता और अस्तित्वों के कष्टों से उबार कर श्री कृष्ण चेतना के माध्यम से चिरस्थायी प्रसन्नता प्रदान करने के लिए जाति, धर्म, रंग, राष्ट्रीयता या लिंग के भेदभाव के दृष्टिविगत श्री कृष्ण और श्री वृंदावन धाम का गौरव फैलाया जाए। मथुरा और वृंदावन पूरे विश्व के कृष्ण भक्तों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक और पवित्र स्थल है। विशेष रूप से वृंदावन तो भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए बहुत ही सम्मानित और पवित्र स्थान है और इसी कारण वृंदावन को भारत की आध्यात्मिक राजधानी माना जाता है। 


श्री श्रीमद् ए सी भक्ति वेदांत स्वामी प्रभुपाद की इस इच्छा के अनुसार ही इस्कॉन बैंगलोर की ओर से वृंदावन की पवित्र भूमि पर वृंदावन चंद्रोदय मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। ब्रज मंडल में इस प्रस्तावित परियोजना के केंद्र में स्थित इस 210 मीटर ऊंचे गगनचुंबी मंदिर का पदचिन्ह (फुट प्रिंट) 5 एकड़ है। 


इस्कॉन बैंगलोर द्वारा कल्पित इस गगनचुंबी इमारत मंदिर परियोजना के केंद्र में भगवान श्री कृष्ण का एक भव्य मंदिर स्थापित किया जाएगा। यह एक ऐसा स्थान होगा जहां भारतीय मंदिर वास्तुकला और आधुनिक वास्तुकला, दोनों कलाओं का अभूतपूर्व और बेजोड़ संगम प्रदर्शित होगा। इस मंदिर को भारत के सबसे बड़े, भव्य और सबसे ऊंचे धार्मिक स्थल के रूप में माना जाएगा। यह मंदिर करीब 5 एकड़ क्षेत्र में स्थापित होगा जिसकी ऊंचाई लगभग 700 फुट (210 मीटर या 70 मंजिला) होगी। मंदिर में त्यौहार पूरी धूमधाम से मनाए जाएंगे। यह साल भर धार्मिक गतिविधियों से जीवंत रहेगा और आचार्य श्रील प्रभुपाद द्वारा निर्धारित लक्ष्य की सेवा के प्रति समर्पित रहेगा।


इस भव्य मंदिर के चारों ओर वृंदावन के हरे-भरे वनों की शैली पर वन लगाए जाएंगे और इसका खाका दुनिया के सर्वश्रेष्ठ डिजाइनर तैयार करेंगे। इसमें ब्रज के 12 वन-क्षेत्र (द्वादश कानन) शामिल होंगे, जिसमें हरे-भरे वनस्पति की किस्में, हरे चारागाह, फलों से लदे हुए सुंदर पेड़, पक्षी द्वारा कलरव और स्तुतिगान, फूलों से लदी लताओं की किस्में आदि आने वालों का मन मोह लेंगी। इनके अलावा साफ जल के तालाब जिनमें कमल और कुमुद के फूल अपना सौंदर्य बिखेरेंगे, कृत्रिम रूप से तैयार की गई पहाडिय़ों में से गिरते झरने पूरे वातावरण में चार चांद लगाएंगे। भक्तों को श्री कृष्ण के समय का वृंदावन यहां फिर साकार रूप में दिखाई देगा।


जहां यमुना जी स्वरूप कृत्रिम झरने के माध्यम से पर्यटकों को नौका-विहार का अवसर मिलेगा और पूरे परिवार जंगल में कृष्ण-लीला का मनोरंजक आनंद उठाएगा, वहीं भागवत पुराण एक्सपो आपके मन को उद्वेलित करेगा और बुद्धि को भगवान श्री कृष्ण द्वारा दिए गए अद्भुत ज्ञान के साथ मजबूत करेगा जोकि भारतीय संस्कृति और जीवन के दर्शन रूपों का आधार है। विरासत को संजोए हुए श्री कृष्ण संग्रहालय के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण के कलात्मक उत्सवों का भारत की विभिन्न संस्कृतियों के आधार पर प्रदर्शन किया जाएगा।


भू-तल से एक लिफ्ट मंदिर के मध्य से होकर गुजरेगी जिसमें आगंतुकों को तीन-आयामी ध्वनि और प्रकाश शो के माध्यम से वैदिक साहित्य में वर्णित ब्रह्मांड में अलग-अलग ग्रह प्रणालियों का भ्रमण करवाया जाएगा। सबसे अंत में लिफ्ट आगंतुकों को पहुंचाएगी 700 फुट की ऊंचाई पर जहां से वे ब्रज मंडल के लुभावने मनोरम दृश्य का आनंद ले सकेंगे। इस परियोजना के अंतर्गत ब्रज के आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए अक्षय पात्र मध्याह्न भोजन कार्यक्रम और वृंदावन की विधवाओं के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों को और मजबूत बनाया जाएगा। ब्रज के महत्वपूर्ण स्थलों, जहां भगवान श्री कृष्ण ने अपनी लीलाओं का प्रदर्शन किया था, का कायाकल्प, समृद्धि बहाली और उन्नयन किया जाएगा, यमुना नदी के मूल एवं प्राचीन गौरव की बहाली की जाएगी और गौरक्षा के प्रदर्शन के लिए एक विशाल गौशाला का निर्माण होगा क्योंकि गाय हमेशा भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय रही है और ब्रज की विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

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