Edited By Sarita Thapa,Updated: 12 Sep, 2025 06:00 AM

Durgadhar Mandir: उत्तराखंड को देवी-देवताओं की भूमि कहा जाता है। यहां स्थित हर एक मंदिर की अपनी अलग कहानी है। वैसे ही उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के बोरा ग्राम स्थित दुर्गाधार मंदिर है। इसके साथ जुड़ी चमत्कारी घटनाएं और प्राचीन कथाएं इसे एक अलग...
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Durgadhar Mandir: उत्तराखंड को देवी-देवताओं की भूमि कहा जाता है। यहां स्थित हर एक मंदिर की अपनी अलग कहानी है। वैसे ही उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के बोरा ग्राम स्थित दुर्गाधार मंदिर है। इसके साथ जुड़ी चमत्कारी घटनाएं और प्राचीन कथाएं इसे एक अलग पहचान देती हैं। इस मंदिर के बारे में एक खास बात है कि यहां आपदा आने से पहले एक तरह का प्राकृतिक संकेत मिलता है, जिसे लोग मां दुर्गा का अलर्ट मानते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, जब भी कोई बड़ी आपदा आने वाली होती है, तो मां दुर्गा की पूजा या परिक्रमा के दौरान कुछ ऐसे बदलाव होते हैं जो खतरे की चेतावनी देते हैं। तो आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़े रहस्य के बारे में-

मां भगवती के पूजन में परिक्रमा करने पहुंचता है बाघ
उत्तराखंड के जंगलों में एक दिलचस्प नजारा भी देखने को मिलता है। बाघ, जो कि आमतौर पर जंगलों में छुपा रहता है, वो मां भगवती की पूजा के समय उनकी परिक्रमा करने के लिए आता है और शांति से वापस जंगल में लौट जाता है। बाघ का आना एक तरह से प्राकृतिक और आध्यात्मिक सामंजस्य का प्रतीक है, जो यहां की संस्कृति और विश्वास प्रणाली में गहराई से जुड़ा हुआ है।

मां दुर्गा देती हैं अनहोनी का संकेत
हमारी परंपराओं और कहानियों में मां दुर्गा का बहुत महत्व है। उन्हें शक्ति और संरक्षण की देवी माना जाता है। लेकिन कई बार ऐसा भी कहा जाता है कि मां दुर्गा अनहोनी यानी किसी बुरी घटना से पहले हमें संकेत भी देती हैं। ये संकेत हमें सावधान करने और तैयारी करने के लिए होते हैं। कहा जाता है कि अगर घर या आसपास कुछ अजीब घटनाएं होने लगें, तो यह मां दुर्गा की तरफ से चेतावनी हो सकती है। ऐसी घटनाओं को लोग अनदेखा नहीं करते क्योंकि वे मानते हैं कि देवी का संदेश लेकर वे किसी बड़ी परेशानी से पहले सतर्क कर रही हैं।
