‘रोशनी’ का मन, मस्तिष्क और भाग्य पर पड़ता है गहरा प्रभाव

Edited By Updated: 29 Sep, 2021 12:39 PM

effect of artificial and natural light

प्रकाश व्यवस्था रोजाना के कामों के अनुसार की जाती है तो कभी केवल प्रसन्नता प्रकट करने के लिए जैसे दीवाली, परिवार में खुशी के अवसर पर घरों तथा कार्यालयों पर रोशनी की जाती है। रंगों के अलावा बल्बों की रोशनी का

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Effect of Artificial and Natural light on the Human Body: प्रकाश व्यवस्था रोजाना के कामों के अनुसार की जाती है तो कभी केवल प्रसन्नता प्रकट करने के लिए जैसे दीवाली, परिवार में खुशी के अवसर पर घरों तथा कार्यालयों पर रोशनी की जाती है। रंगों के अलावा बल्बों की रोशनी का भी हमारे मन, मस्तिष्क, कार्यशैली  एवं भाग्य पर प्रभाव पड़ता है। पढऩे के समय, टेबल लैंप का प्रयोग कर सकते हैं और इसमें तेज प्रकाश होना चाहिए। बैठक में फैंसी लाइटें हो सकती हैं जिससे समयानुसार और मूड के अनुसार उनके रंग बदले जा सकते हैं। सायंकाल मद्धम प्रकाश किया जा सकता है। किचन में तेज रोशनी आवश्यक हैं ताकि कीड़े मकौड़े साफ-साफ नजर आ सकें। 

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गैलरी आदि में हल्का पीला प्रकाश अच्छा लगता है। बैडरूम में कोव लाइट्स जो अप्रत्यक्ष प्रकाश देती हैं, वे लगवानी चाहिए। यदि बड़ी कोठी है तो उस पर फलड लाइटों का प्रकाश अच्छा लगता है। सीढिय़ों पर कंसील्ड लाइटें जो अक्सर पिक्चर हालों में नजर आती हैं, वे सुविधाजनक रहती हैं। 

इसके अलावा प्रवेश द्वार पर फुटलाईट आंखों को चुंधियाती नहीं अपितु एक पाजिटिव फीलिंग देती है। सिल्वर लाइट अधिक सूदिंग होती हैं।

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घर को सूरज की रोशनी-सा जगमग दिखाने के लिए एंबिएंट लाइटिंग इस्तेमाल की जाती है। पहले ट्यूब लाइट्स के जरिए घरों में यह जगमग रहती थी, लेकिन अब फॉल्स सीलिंग के साथ-साथ कंसील्ड और कोव लाइट्स ने इनकी जगह ले ली है। एंबिएंट लाइट्स का महत्वपूर्ण हिस्सा शेंडेलियर तो लंबे समय से घर की सुंदरता को बढ़ा रहा है।

बैडरूम में स्ट्रिंग लाइट्स और शियर कर्टेंस लगाकर बड़ी आसानी से सुंदर,  ड्रीमी-सा माहौल बनाया जा सकता है। आमतौर पर सभी घरों में फायरप्लेस नहीं होते लेकिन अगर आप घर में फायरप्लेस लगा रहे हैं तो उसे किसी एक्सेंट या टेक्सचर्ड वॉल पर लगाने से उसकी खूबसूरती और बढ़ जाती है। 

टास्क लाइटिंग किसी खास काम से जुड़ी जगहों पर लगाई जाती है। जैसे किचन काऊंटर पर काऊंटर लाइट्स, डाइनिंग टेबल या बार काऊंटर पर पेंडेंट लाइट्स, स्टडी टेबल पर टेबल लैंप या फ्लोर लैंप आदि।

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टास्क लाइटिंग हमेशा वैकल्पिक होनी चाहिए यानी जब जरूरत हो तभी इन्हें ऑन किया जाए। घर का डिजाइन स्टाइल और मूड सेट करने के लिए एक्सेंट लाइटिंग सबसे अच्छा विकल्प है। एक्सेंट लाइटिंग में ज्यादातर लोग स्पॉट लाइट्स का प्रयोग करते हैं, लेकिन अप लाइट्स भी बहुत सुंदर लगती हैं। खासतौर से कॉरिडोर्स की दीवारों, किसी एक्सेंट वॉल, पौधों या कुछ खास फीचर एलिमेंट्स जैसे कृत्रिम फाऊंटेन आदि पर फोक्स करती अप लाइट्स इन चीजों की खूबसूरती बढ़ाती हैं। 

स्पॉट लाइट्स न सिर्फ वॉल आर्ट या स्कल्प्चर्स पर फोकस करने के लिए अच्छा विकल्प हैं। बल्कि इनसे टेक्सचर्ड या एक्सेंट वॉल पर सुंदर पैटर्न्स भी बनाए जा सकते हैं। सजावटी कैंडल्स, कैंडल स्टैंड्, फायरप्लेस, स्ट्रिंग लाइट्स आदि डैकोरेटिव लाइट्स की श्रेणी में आते हैं। ये लाइट्स न तो किसी स्पेस को बहुत ज्यादा रोशन करती हैं और न ही किसी अन्य चीज को हाईलाइट इसलिए आप इन्हें एक्सेसरीज की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं। खासतौर से कैंडल्स लगाकर किसी भी कमरे की सुंदरता को बढ़ाया जा सकता है।    

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