Edited By Niyati Bhandari,Updated: 27 Aug, 2025 06:48 AM

Ganesh Chaturthi 2025 Bhog: श्री गणेश चतुर्थी को शुभ मानते हुए लोग किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत बिना किसी मुहूर्त के इस दिन से करते हैं। इस बार श्री गणेश चतुर्थी व्रत 27 सितम्बर 2025 उनके प्रिय वार बुधवार को है। यह व्रत बुद्धि, विद्या तथा...
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Ganesh Chaturthi 2025 Bhog: श्री गणेश चतुर्थी को शुभ मानते हुए लोग किसी भी शुभ कार्य की शुरूआत बिना किसी मुहूर्त के इस दिन से करते हैं। इस बार श्री गणेश चतुर्थी व्रत 27 सितम्बर 2025 उनके प्रिय वार बुधवार को है। यह व्रत बुद्धि, विद्या तथा ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति एवं सभी विघ्नों के नाश के लिए किया जाता है। यदि किसी के कार्य में बार-बार बाधा आ रही हो तो उसे यह व्रत अवश्य करना चाहिए क्योंकि भगवान श्री गणेश जी की कृपा से सभी विघ्न एवं बाधाएं मिट जाती हैं। सभी प्रकार की सिद्धियों और नवनिधियों के दाता एवं प्रथम पूज्य श्री गणेश जी का जन्म भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को दोपहर के समय हुआ था तथा यह दिन भगवान के जन्मोत्सव के रूप में बड़ी श्रद्धा भावना से मनाया जाता है।
शास्त्रानुसार भगवान श्री गणेश चतुर्थी शुभता के प्रतीक है तथा किसी भी व्रत का पारण चंद्र दर्शन के साथ ही किया जाता है परंतु भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को शास्त्रानुसार चन्द्र दर्शन करना निषेध है। श्रीमद् भागवत पुराण के अनुसार इस दिन चांद देखने से झूठा कलंक लगता है इसलिए इस व्रत में चंद्र दर्शन नहीं किए जाते। दूज का चांद देखना जितना शुभ है, उतना ही इस चतुर्थी को चांद देखना अशुभ माना गया है। दूज का चांद मात्र चंद मिनट के लिए ही निकलता है पर चौथ का चांद बहुत सुन्दर एवं आकर्षक होता है तथा सारी रात दिखता है।

गणेश चतुर्थी व्रत का संकल्प करें और धूप, दीप, नेवैद्य, पुष्प और मौसम के फलों के साथ विधिवत पूजन करते हुए 21 मोदक, देसी घी, गुड़, लड्डू, पूरन पोली, खीर तथा मीठे पूड़े भक्तिभाव से श्री गणेश जी को अर्पित करें।

कैसे चढ़ाएं गणेश जी को दूर्वा
भगवान श्री गणेश जी को दूर्वा अति प्रिय है तथा इस दिन 21 दूर्वा से भगवान श्री गणेश जी की पूजा करना सर्वश्रेष्ठ एवं शुभफलदायक माना गया है। भगवान श्री गणेश जी के पूजन के लिए रखी गई 21 दूर्वा को भगवान श्री गणेश जी के 10 नामों का उच्चारण करते हुए प्रत्येक नाम के पश्चात 2-2 दूर्वा चढ़ाएं तथा अंत में सभी नामों का एक साथ उच्चारण करके बची हुई दूर्वा चढ़ाकर श्री गणेश जी से प्रार्थना करें।

गणेश जी के 10 नाम
एकदन्त, गजानन, गणपति, विनायक, लंबोदर, विघ्नेश, मंगलमूर्ति, भालचंद्र, धूम्रकेतु और सुमुख।

गणेश चतुर्थी पर सारा दिन उपवास करें, रात्रि को केवल फलाहार करें। इसके अतिरिक्त भगवान श्री गणेश सहस्त्रनाम का पाठ करना भी इस व्रत में अति उत्तम है।
