Edited By Prachi Sharma,Updated: 09 Jul, 2025 05:00 AM

Guru Uday 2025: हिंदू ज्योतिष में गुरु को देवताओं का गुरु कहा जाता है। यह ग्रह ज्ञान, धन, धर्म, भाग्य, शिक्षा, करियर और विवाह जैसे जीवन के कई अहम पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता है। जब गुरु अस्त हो जाते हैं तो उसका सकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है।
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Guru Uday 2025: हिंदू ज्योतिष में गुरु को देवताओं का गुरु कहा जाता है। यह ग्रह ज्ञान, धन, धर्म, भाग्य, शिक्षा, करियर और विवाह जैसे जीवन के कई अहम पहलुओं का प्रतिनिधित्व करता है। जब गुरु अस्त हो जाते हैं तो उसका सकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है। लेकिन जब गुरु पुनः उदय होता है, तब इसका शुभ प्रभाव पुनः सक्रिय होता है जीवन में स्थिरता, सौभाग्य और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। साल 2025 में गुरु का उदय 9 जुलाई को हो रहा है और यह खगोलीय घटना कई राशियों के लिए बहुत ही शुभ संकेत लेकर आई है। 9 जुलाई 2025 की रात 10:50 बजे गुरु उदय होंगे, इसका असर कुछ राशियों पर पड़ेगा। खासतौर पर करियर, विवाह, शिक्षा और वित्तीय मामलों में कुछ राशियों को विशेष लाभ होने वाला है।
वृषभ राशि:
वृषभ राशि के लिए यह समय अत्यंत शुभ है क्योंकि गुरु का उदय इसी राशि में हो रहा है। यह आत्मविश्वास, सौभाग्य और धन-संपत्ति का योग लेकर आया है। लंबे समय से रुके हुए काम अब गति पकड़ सकते हैं। प्रोफेशनल लाइफ में प्रमोशन, सम्मान और नई डील्स मिलने की संभावना है। यह समय विवाह के लिए भी अनुकूल रहेगा। पारिवारिक जीवन में सुख और सामंजस्य बना रहेगा।

मिथुन राशि:
गुरु का उदय मिथुन राशि के बारहवें भाव में हो रहा है, जो खर्च और विदेश यात्रा का संकेत देता है। यह समय आध्यात्मिक जागरूकता और आत्म मंथन के लिए उपयुक्त है, लेकिन आपको अपने खर्चों पर नियंत्रण रखना होगा। व्यवसाय में नए अवसर मिल सकते हैं, विशेषकर यदि वह विदेशी संबंधों से जुड़ा हो। हालांकि धन निवेश सोच-समझकर करें। इस समय ध्यान, जप और एकांत आपको मानसिक शांति देगा। गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करें।
सिंह राशि:
सिंह राशि के लिए गुरु का उदय दशम भाव में हो रहा है, जो कि करियर और सामाजिक प्रतिष्ठा का भाव है। यह एक बहुत ही अनुकूल संकेत है, खासकर जो लोग नौकरी में प्रमोशन, ट्रांसफर या नई भूमिका की प्रतीक्षा कर रहे हैं। आपकी कार्यशैली और निर्णय क्षमता से उच्च अधिकारी प्रभावित होंगे। यदि आप व्यापार करते हैं, तो विस्तार के अवसर मिलेंगे। परिवार से भी समर्थन मिलेगा।
तुला राशि:
गुरु तुला राशि के अष्टम भाव में उदय हो रहा है, जो परिवर्तन, शोध, और गोपनीयता का प्रतीक है। यह समय आपके लिए थोड़ा मिश्रित फलदायक हो सकता है। अचानक लाभ या हानि दोनों की संभावनाएं हैं, इसलिए जोखिम भरे निर्णय से बचें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें और किसी पुराने रोग का इलाज न टालें। हालांकि यह समय गहरे चिंतन और आंतरिक बदलाव के लिए श्रेष्ठ है।

वृश्चिक राशि:
गुरु का उदय सप्तम भाव में हो रहा है, जो कि जीवनसाथी, साझेदारी और सामाजिक संबंधों से जुड़ा है। जो अविवाहित हैं उनके लिए विवाह के उत्तम योग बनेंगे। शादीशुदा लोगों के लिए रिश्तों में मधुरता आएगी। व्यवसाय में पार्टनरशिप से लाभ होगा, और सामाजिक प्रतिष्ठा भी बढ़ेगी। यदि कोई कानूनी विवाद चल रहा है, तो उसका निपटारा भी संभव है। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। पीले वस्त्र और केसर का प्रयोग करें।
मकर राशि:
मकर राशि के लिए गुरु का उदय पंचम भाव में हो रहा है, जो संतान, विद्या और रचनात्मकता का प्रतीक है। यह समय विद्यार्थियों, शिक्षकों और रचनात्मक कार्यों में लगे लोगों के लिए विशेष रूप से शुभ रहेगा। संतान सुख मिलने के योग हैं और प्रेम संबंधों में सकारात्मक बदलाव आएगा। यह निवेश के लिए भी उत्तम समय है। धार्मिक रुझान बढ़ेगा।
