Edited By Prachi Sharma,Updated: 01 Nov, 2025 06:00 AM

एक बार मशहूर खगोल शास्त्री अल ख्वारिज्मी गांव की सैर पर निकले। उस वक्त वह तारों को देखकर जीवन की गति बता दिया करते थे। तारों की गणना में उस वक्त उनका कोई मुकाबला नहीं था। रात में वह तारों से भरा आसमान देखते चले जा रहे थे कि पैरों के नीचे गहरा गड्ढा...
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Inspirational Context: एक बार मशहूर खगोल शास्त्री अल ख्वारिज्मी गांव की सैर पर निकले। उस वक्त वह तारों को देखकर जीवन की गति बता दिया करते थे। तारों की गणना में उस वक्त उनका कोई मुकाबला नहीं था। रात में वह तारों से भरा आसमान देखते चले जा रहे थे कि पैरों के नीचे गहरा गड्ढा आया और वह उसमें गिर गए।
रात में काफी देर तक वे उसी गड्ढे में पड़े-पड़े मदद के लिए चीखते रहे, पर दूर-दूर तक कोई सुनने वाला नहीं था। काफी देर तक चीखने-चिल्लाने के बाद एक बुढ़िया आई और उसने उन्हें नीचे गिरे देखा। वह अनपढ़ बुढ़िया बहुत कोशिश के बाद उन्हें निकाल पाई। बाहर निकलते ही अल ख्वारिज्मी ने बुढ़िया को धन्यवाद दिया। बुढ़िया मुस्कुराई और आगे बढ़ गई।
तब उन्होंने बुढ़िया को बुलाकर पूछा कि शायद आपने मुझे पहचाना नहीं मैं मशहूर ज्योतिषी हूं। तारों को देखकर मैं आपकी जिंदगी के बारे में बता सकता हूं। तब बुढ़िया ने पलट कर कहा जिसे जमीन के गड्ढों के बारे में न पता हो वह क्या खाक जानता है ? पहले जहां चल रहे हो उसे जान लो बाद में तारों को पढ़ना।

बुढ़िया की बात उनके दिल में लग गई क्योंकि यह सच था। जब जमीन का नहीं पता तो आसमान को जानकर क्या करेंगे। इसके बाद वह पाताल की खोज में लग गए और दुनिया में सबसे ज्यादा नाम भूगर्भशास्त्री के रूप में कमाया। किसी भी इंसान की एक बात हमारी दिशा बदल सकती है अगर उसमें सच्चाई हो। जैसे उस बूढ़ी औरत ने अल ख्वारिज्मी की दिशा बदल दी।
