Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Mar, 2024 08:05 AM
उस शहर के लिए एक बड़ा प्रवेश द्वार था। जब मैंने द्वार खोला तो वहां मुझे एक बूढ़ा आदमी मिला
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Inspirational Story: उस शहर के लिए एक बड़ा प्रवेश द्वार था। जब मैंने द्वार खोला तो वहां मुझे एक बूढ़ा आदमी मिला। उसने कहा, ‘‘मैं इस शहर में सबसे अमीर व्यक्ति हूं। ये देखिए, मेरे पास पत्थर हैं।’’ उसके हाथ में सामान्य पत्थर थे, जो हमारे शहर में जमीन पर इधर-उधर गिरे होते हैं।
मैं हैरान था कि वह उन पत्थरों को पाकर खुद को अमीर मान रहा था। मुझे हंसी आई कि यह तो पागल है। उस बूढ़े व्यक्ति के साथ खड़ा जब मैं जमीन को देखता हूं तो मैं आश्चर्यचकित रह गया कि वह सोने से बनी थी। लोगों के घर भी बेशकीमती हीरों से बने थे।
वहां पत्थर कहीं नजर नहीं आ रहे थे मगर फिर मुझे पता चला हीरे, मोती आदि रत्नों के अलावा सोना, चांदी आदि धातुएं यहां कीमती वस्तुएं नहीं थीं। अब मैंने हीरों की एक बड़ी खान देखी। लोग यहां हीरों को पत्थरों की तरह ठोकरें मार रहे थे।
फिर मैंने एक दुकानदार से पूछा, ‘‘यहां हीरे का मूल्य कितने रुपए हैं?’’
तो दुकानदार ने कहा, ‘‘तुम पागल हो क्या? सड़कों पर हीरे ही हीरे पड़े हैं, उठा लो।’’
मैं खुश था। मैंने बहुत से हीरे इकट्ठा किए। इनमें से कुछ पैंट की जेब में डाले तो कितने ही बैग में ठूंस-ठूंसकर भर लिए। इसके बाद मैं उसी द्वार से अपने शहर लौट आया लेकिन जब मैं इस ओर लौटा तो हीरे पत्थर बन चुके थे।