Edited By Prachi Sharma,Updated: 17 Aug, 2025 04:06 PM

आंध्र प्रदेश में वेमाना नाम के एक प्रसिद्ध संत हुए। जब वह छोटे थे, तो उन्हें निपट मूर्ख माना जाता था। वह अपने गुरु के साथ रहते थे, जिन्होंने उन्हें अक्षर ज्ञान देने की कोशिश की, मगर पंद्रह साल के होने के बावजूद वेमाना कुछ अधिक नहीं सीख पाए क्योंकि...
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Inspirational Story: आंध्र प्रदेश में वेमाना नाम के एक प्रसिद्ध संत हुए। जब वह छोटे थे, तो उन्हें निपट मूर्ख माना जाता था। वह अपने गुरु के साथ रहते थे, जिन्होंने उन्हें अक्षर ज्ञान देने की कोशिश की, मगर पंद्रह साल के होने के बावजूद वेमाना कुछ अधिक नहीं सीख पाए क्योंकि उनका दिमाग बहुत कमजोर था।
एक दिन उनके गुरु को किसी जरूरी काम से कहीं जाना था।
वह नदी में स्नान करने गए और वेमाना से बोले, “मेरे स्नान करने तक कपड़े अपने हाथ में पकड़ कर रखो। उन्हें मिट्टी में हरगिज मत रखना।” स्नान के बाद उन्होंने वेमाना को बुलाया तो वह कपड़े मिट्टी पर गिराकर गुरु के पास दौड़े चले गए।
गुरु उनसे बहुत क्रोधित हो गए, मगर वह लड़का चुपचाप बस उन्हें देखता रहा। गुरु ने हताश होकर उन्हें एक चॉक पकड़ा दिया और कहा, “जब तक मैं वापस न आऊं, यहां बैठकर इस चट्टान पर ‘राम,राम,राम’ लिखते रहो। क्या पता तुम्हें कुछ अक्ल आ जाए।” फिर वह अपने काम के लिए चले गए।
लड़के को बहुत बुरा लगा कि उसके गुरु की सभी कोशिशें उस पर बेकार जा रही हैं। वह बस वहां बैठकर ‘राम,राम,राम’ लिखता रहा। चॉक खत्म हो गई, फिर वह अपनी उंगली से लिखता रहा। उसकी उंगली घिस गई और उससे खून बहने लगा, मगर वह बस ‘राम,राम,राम’ लिखता रहा। शाम को जब गुरु आए, तो देखा कि उसकी उंगली पूरी घिस गई है। उन्होंने लड़के को उठाकर गले से लगा लिया और रोते हुए बोले, “मैंने तुम्हारे साथ यह क्या कर दिया।”
उस दिन के बाद लड़के ने दोबारा कड़ी मेहनत करनी शुरू कर दी और कुछ समय बाद कमाल का कवि बन गया। उसने सैंकड़ों कविताएं लिखीं। अगर किसी के अंदर इस तरह का दृढ़निश्चय हो तो उस इंसान के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।