Edited By Prachi Sharma,Updated: 01 Nov, 2025 03:17 PM

Inspirational Story: सूफी संत बायजीद कम साधनों से अपने जीवन का निर्वाह करते थे। एक बार यात्रा पर निकलते समय उन्होंने झोली में एक पैसा रख लिया। उन्हें झोले में एक पैसा रखते हुए धनी शिष्य ने देख लिया।
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Inspirational Story: सूफी संत बायजीद कम साधनों से अपने जीवन का निर्वाह करते थे। एक बार यात्रा पर निकलते समय उन्होंने झोली में एक पैसा रख लिया। उन्हें झोले में एक पैसा रखते हुए धनी शिष्य ने देख लिया।
उसने कहा, ‘‘बाबा इतनी लंबी यात्रा में एक पैसे से क्या होगा ?’’
फिर उसने एक थैली थमाते हुए कहा, ‘‘इसे आप रख लीजिए। इसमें रखी अशर्फियां आपकी यात्रा के लिए पर्याप्त होंगी।’’
शिष्य की बात सुनकर बायजीद बोले, ‘‘मैंने यह एक पैसा आज के खाने के लिए रख लिया है और मैं यह अशर्फियां भी ले लूंगा लेकिन पहले मुझे आश्वासन दो कि इन अशर्फियों का इस्तेमाल करने के लिए मैं लंबे समय तक जिंदा रहूंगा।’’
शिष्य बोला, ‘‘मैं भला यह आश्वासन कैसे दे सकता हूं क्योंकि जीवन तो किसी के हाथ में नहीं है। यह तो खुदा ही बता सकता है कि कौन, कब तक जीवित रहेगा ?’’
इस पर बायजीद बोले, ‘‘बेटा जब कल का कोई भरोसा ही नहीं, तो कल के इंतजाम की भी क्या आवश्यकता है ? जीवन तो नश्वर है।’’
बायजीद के ऐसा कहते ही गुजर रहे राहगीरों में से एक वृद्ध व्यक्ति उनसे बोला, ‘‘भले आदमी जब आज के दिन का भरोसा है तो कल के दिन के भरोसे में क्या दिक्कत है ? जब तुम अपने पास एक पैसा रख सकते हो तो अशर्फियां रख लेने में क्या हर्ज है क्योंकि जीवन का भरोसा तो तब भी नहीं है और न ही अब।’’
वृद्ध की बात सुनकर बायजीद सोच में पड़ गए। सभी उत्सुकतावश यह देखने को रुक गए कि बायजीद अब क्या जवाब देते हैं ?
बायजीद ने झोले से एक पैसा निकालकर उसे भी वहीं गिरा दिया। पैसा गिरने के साथ ही बायजीद को आत्मिक संतुष्टि का अनुभव हुआ और उनका विश्वास और मजबूत हुआ कि जीवन नश्वर है। हमें आगे के लिए कोई संग्रह करने की जरूरत नहीं है।
उनका धनी शिष्य अशर्फियां की थैली अपने हाथ में लिए ठगा-सा उन्हें देखता रह गया।