ग्रह बाधा के निवारण में सहायक साबित होते हैं वृक्ष

Edited By Jyoti,Updated: 25 Sep, 2021 04:32 PM

jyotish and vastu tips related horoscope planets

वर्तमान युग में धनी-निर्धन मध्यम, सभी वर्गों का एक ही लक्ष्य रह गया है। अधिक से अधिक धन प्राप्ति। इसके लिए पूजा-पाठ, व्रत, दान, जप, तप के साथ ही लोग ज्योतिषाचार्यों के पास उपाय पूछने जाते हैं

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
वर्तमान युग में धनी-निर्धन मध्यम, सभी वर्गों का एक ही लक्ष्य रह गया है। अधिक से अधिक धन प्राप्ति। इसके लिए पूजा-पाठ, व्रत, दान, जप, तप के साथ ही लोग ज्योतिषाचार्यों के पास उपाय पूछने जाते हैं और उनके बताए उपायों में जुट जाते हैं परंतु सबसे श्रेष्ठ उपाय है वृक्षरोपण करना। गृह नक्षत्रों का प्रभाव मनुष्यों के साथ ही पेड़ों पर भी पड़ता है। बीज सूर्य के समान है जो पृथ्वी की उष्मा से जलरूपी चंद्रतत्व को प्राप्त कर अंकुरित होता है। मंगल के प्रभाव से वृक्षों की शाखाएं फलती-फूलती हैं और बुध ग्रह उसे रंग प्रदान करता है। गुरु गृह से पेड़ों को पुष्प मिलते हैं। शुक्र फलों में रस और स्वाद प्रदान करता है। शनि उसे पकाकर फिर से बीज की प्रक्रिया प्रारंभ करता है। राहू और केतु के कारण वे पुन: अपने जीवन का संघर्ष प्रारंभ करते हैं।

पौधों को सींचने और पोषण करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है जिससे सुख- समृद्धि के साथ आत्मिक सुख शांति भी प्राप्त होती है। शास्त्रों में लिखा है कि एक वृक्ष लगाने से दस कन्यादान का फल मिलता है। इसलिए मनुष्य को अपने फल और पुण्य को निरंतर बढ़ाने के लिए पौधे लगाने चाहिए ताकि वह समृद्धिशाली बना रहे।

पौधे लगाने और उनकी रक्षा करने से सबसे अधिक पुण्य प्राप्त होता है जिस प्रकार अन्याय करना या सहना एक ही बात है, उसी प्रकार पेड़ काटते देखना और काटना एक ही बात है। इससे हम पाप के भागीदार बनते हैं, जिससे मुक्ति मिलना कठिन है।

आज हम अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए वन काटते जा रहे हैं जिससे प्रकृति में असंतुलन आ गया है और जिसके कारण जलवायु के वेग में परिवर्तन आ गया है। हम आॢथक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं, साथ ही सुख-शांति भी समाप्त होती जा रही है। पेड़-पौधे के लगने से ग्रह बाधाएं दूर होती हैं।

मनुष्य के समान वृक्ष भी दुख-सुख अनुभव करते हैं जिस प्रकार संगीत सुनकर हमारा दुख और उदासी दूर हो जाती है और मन प्रसन्न हो उठता हैं उसी प्रकार वृक्ष भी संगीत का आनंद उठाते हैं और शीघ्र वृद्धि करके इसका प्रभाव प्रस्तुत करते हैं। प्रयोग द्वारा यह सिद्ध हो चुका है कि संगीत की ध्वनि में वृक्ष शीघ्र बढ़ते हैं।

पेड़-पौधों की सेवा करने से वे प्रसन्न होकर आशीष देते हैं। इसके विश्व में सैंकड़ों उदाहरण मिलते हैं परंतु पेड़ों से लगाव भी ग्रहों के योग के कारण ही होता है। चतुर्थ भाव में चंद्र, सूर्य, शनि, बुध की युति बने तो व्यक्ति को प्रकृति से लगाव होता है और वह जीवन में सुख-समृद्धि को प्राप्त करता है। चतुर्थ और सप्तम स्थान पर्यावरण का होता है। चतुर्थेश और सप्तमेश यदि एक साथ चतुर्थ भाव में बैठे हों और सूर्य चंद्र से संबंध हो तो वृक्षारोपण से व्यक्ति धन लक्ष्मी और खोया हुआ मान-स मान प्राप्त कर सकता है।

वृक्षारोपण कहीं भी किया जा सकता है जहां उसका संरक्षण हो सके। कन्या लग्न वालों को जामुन, मेष, लग्न वालों को नीम, तुला को लसोड़ा और मेहंदी, वृषभ लग्न वाले को वट वृक्ष और गूलर, धनु लग्न वालों को पीपल, कर्क लग्न को अंजीर, मिथुन लग्न वालों को केला, ताड़, सागवान, वृश्चिक को खदीर, सिंह को कमरख, आंवला व कटहल, मकर लग्न को खेजड़ी, सीताफल, मीन लग्न को शहतूत, कुंभ लग्न वाले लोगों को शीशम के वृक्ष लगाने चाहिए। इससे भाग्यश्री में वृद्धि, असीम समृद्धि और राज्यश्री प्राप्त होती है। इसलिए मनुष्य को प्रकृति प्रेमी बनाना चाहिए। —डा. उषाकिरण त्रिपाठी 

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!