Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Jul, 2025 02:00 PM

Kark Sankranti 2025: सूर्य को ज्योतिष में ग्रहों का राजा माना गया है क्योंकि उनकी ऊर्जा से ही दुनिया चलती है और वही व्यक्ति को सफलता, पराक्रम, आत्मविश्वास देते हैं। सूर्य हर महीने राशि परिवर्तित करते हैं और इसका सबसे ज्यादा असर लोगों के करियर,...
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Kark Sankranti 2025: सूर्य को ज्योतिष में ग्रहों का राजा माना गया है क्योंकि उनकी ऊर्जा से ही दुनिया चलती है और वही व्यक्ति को सफलता, पराक्रम, आत्मविश्वास देते हैं। सूर्य हर महीने राशि परिवर्तित करते हैं और इसका सबसे ज्यादा असर लोगों के करियर, सेहत और सफलता-असफलता पर होता है। वैसे भी ज्योतिष में व शास्त्रों में सूर्य को आत्मा का कारक ग्रह होने के साथ ही हमारे मान-सम्मान व अपमान का भी कारक माना जाता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य मजबूत स्थिति में होता है, उसे समाज में मान-सम्मान और समृद्धि की प्राप्ति होती है। सूर्य ऐसा ग्रह है, जो कभी वक्री गति नहीं करता। सूर्य देव को प्रत्यक्ष देवता भी कहा जाता है, जो हमें प्रतिदिन दर्शन देते हैं। शास्त्रों में इनकी उपासना से मिलने वाले शुभ फलों की लंबी सूची है।
सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहा जाता है। वैसे तो साल में 12 संक्रांति होती हैं। जिसमें मकर संक्रांति और कर्क संक्रांति का विशेष महत्व है। सावन माह की संक्रांति को कर्क संक्रांति कहा जाता है। इस दिन सूर्य मिथुन राशि से निकल कर कर्क राशि में प्रवेश करते हैं। इस साल कर्क संक्रांति 16 जुलाई बुधवार को है। सनातन धर्म में सूर्य की पूजा के लिए संक्रांति का दिन बहुत ही उत्तम माना जाता है। कर्क संक्रांति के दिन से सूर्य दक्षिण दिशा की ओर गति करते हैं। सावन की संक्रांति पर कुछ उपायों को करने से बहुत लाभ मिलते हैं। जीवन की सारी उलझने भी दूर होती हैं। आइए जानते हैं, कर्क संक्रांति पर कौन से उपायों को करने से मनचाही इच्छा की पूर्ति होती है।

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कर्क संक्रांति की तिथि पर दान करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मसूर की दाल, साबुत मिर्च, शहद, गेहूं, गुड़, मूंगफली, चिक्की, शकरकंद, अन्न, लाल रंग के वस्त्र, तिल, गुड़, जल और हनुमान चालीसा अथवा सूर्य चालीसा का दान करें।

कर्क संक्रांति के दिन शिवलिंग का अभिषेक करना बेहद लाभकारी है। जो व्यक्ति ऐसा करता है, उसे शिव कृपा के साथ-साथ नवग्रह दोष से भी शांति मिलती है।

वैसे तो आदित्य ह्रदय स्तोत्र का पाठ प्रतिदिन करने से अप्रत्याशित लाभ प्राप्त होते हैं लेकिन कर्क संक्रांति के दिन इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस स्तोत्र के प्रभाव से नौकरी में पदोन्नति, धन प्राप्ति, प्रसन्नता, आत्मविश्वास और हर सोचे गए काम में सफलता मिलती है। मनोकामनाओं को सिद्ध करने की असीम शक्ति है इस पाठ में। सरल शब्दों में कहें तो आदित्य ह्रदय स्तोत्र हर क्षेत्र में मनचाही कामयाबी प्रदान करता है।

कर्क संक्रांति के दिन पानी में रोली, गंगा जल और काले तिल मिलाकर सूर्य को जल देने से शनि के बुरे प्रभाव से राहत मिलती है।
