Edited By Prachi Sharma,Updated: 26 Oct, 2025 07:00 AM

Kashtbhanjan Hanuman Mandir: भारत में ऐसे बहुत से मंदिर है, जिनकी कहानियां हर व्यक्ति को सोचने पर मजबूर कर देती हैं। ऐसा ही एक मंदिर गुजरात में भी है जहां शनि देव स्त्री रूप में हैं। शनि देव को हमेशा से ही गुस्से वाला देवता माना जाता है। इस वजह से...
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Kashtbhanjan Hanuman Mandir: भारत में ऐसे बहुत से मंदिर है, जिनकी कहानियां हर व्यक्ति को सोचने पर मजबूर कर देती हैं। ऐसा ही एक मंदिर गुजरात में भी है जहां शनि देव स्त्री रूप में हैं। शनि देव को हमेशा से ही गुस्से वाला देवता माना जाता है। इस वजह से काफी लोग आश्चर्य में चले जाते हैं क्या यह सच है ? तो चलिए जानते हैं क्या है इस मंदिर की कहानी-
गुजरात में भावनगर के सारंगपुर में हनुमान जी का एक अति प्राचीन मंदिर स्थित है, जिसे कष्ट भंजन हनुमान के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां हनुमान जी के पैरों में स्त्री रूप में शनिदेव बैठे हैं। सभी जानते हैं कि हनुमान जी स्त्रियों के प्रति विशेष आदर और सम्मान का भाव रखते हैं। ऐसे में उनके चरणों में किसी स्त्री का होना आश्चर्य की बात है। लेकिन इसका संबंध एक पौराणिक कथा से है जिसमें बताया गया है कि आखिर क्यों शनिदेव को स्त्री का रूप धारण कर हनुमान जी के चरणों में आना पड़ा।
एक पौराणिक कथा के अनुसार एक समय शनिदेव का प्रकोप काफी बढ़ गया था। शनिदेव के प्रकोप से पृथ्वी पर रहने वाले मनुष्य त्राहि करने लगे थे। जब शनिदेव का प्रकोप ज्यादा बढ़ने लगा तो लोगों ने भगवान हनुमान की शरण ली। भक्तों की करुण पुकार सुनकर हनुमान जी शनिदेव पर क्रोधित हो गए और उन्हें दंड देने का निश्चित किया। जब संकटमोचन हनुमान क्रोधित होकर शनिदेव को दंड देने के लिए प्रस्थान किए और जब शनिदेव को इस बात का पता चला कि हनुमान जी उन्हें सबक सिखाने आ रहे हैं तो शनिदेव ने स्त्री रूप धारण कर लिया क्योंकि हनुमान जी ब्रह्मचारी थे। जिसके चलते वे एक स्त्री पर हाथ नहीं उठा सकते थे। स्त्री रूप धारण करने के बाद शनिदेव हनुमान जी के सामने नतमस्तक हो गए। उनकी विनम्रता को देख हनुमान जी का क्रोध शांत हो गया और फिर भक्तों पर से शनिदेव का प्रकोप भी कम हो गया और इसी के बाद उस स्थान पर भक्तों ने हनुमान जी का यह मंदिर बना दिया।

तब से लेकर आज तक सारंगपुर के कष्ट भंजन हनुमान मंदिर में शनिदेव को हनुमान जी के चरणों में स्त्री रूप में ही पूजा जाता है। भक्तों के कष्टों का निवारण करने के कारण इस मंदिर को कष्ट भंजन हनुमान मंदिर के नाम से जाना जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि हनुमान जी के भक्तों पर शनिदेव का कभी प्रकोप नहीं होता। इस मंदिर की मान्यता को लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि यहां जो भी सच्चे मन से साधना करने आता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है।
इसके अलावा अगर किसी की कुंडली में शनि दोष हो तब भी कष्ट भंजन हनुमान के दर्शन और पूजा अर्चना करने मात्र से ही सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और दोष खत्म हो जाते हैं और यही वजह है कि इस मंदिर में हमेशा भक्तों की भीड़ लगी रहती है।
