Kharmas 2025-2026: 1 महीना सूर्य देव के रथों को गधों द्वारा खींचा गया, पढ़ें खरमास की दुर्लभ पौराणिक कथा

Edited By Updated: 05 Dec, 2025 03:53 PM

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Kharmas Katha 2025-2026: हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार खरमास साल 2025-2026 16 दिसंबर से शुरू होगा, जब सूर्य देव धनु राशि में सुबह 4 बजकर 27 मिनट पर प्रवेश करेंगे। 14 जनवरी 2026 को मकर संक्रांति के साथ ये समाप्त होगा,

Kharmas Katha 2025-2026: हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार खरमास साल 2025-2026 16 दिसंबर से शुरू होगा, जब सूर्य देव धनु राशि में सुबह 4 बजकर 27 मिनट पर प्रवेश करेंगे। 14 जनवरी 2026 को मकर संक्रांति के साथ ये समाप्त होगा, जिसके बाद से शुभ कार्य फिर से शुरू हो जाएंगे।जब सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तब यह अवधि मलमास या खरमास कहलाती है। शास्त्रों में स्पष्ट कहा गया है कि इस समय किसी भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश या यज्ञ का आयोजन नहीं किया जाता। कारण यह कि इस मास में सूर्य का तेज कमजोर माना जाता है और यह समय ग्रहों की ऊर्जा संतुलन के लिए उपयुक्त नहीं होता।

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Why is it called Kharmas खरमास क्यों कहा जाता है
खरमास शब्द दो भागों से मिलकर बना है। ‘खर’ जिसका अर्थ है गधा मास जिसका अर्थ है महीना। इस नाम के पीछे एक रोचक पौराणिक कथा है, जिसे समझने पर आप जान पाएंगे कि इसे खरमास क्यों कहा जाता है। पौराणिक कारण खर यानी गधों का महीना। पुराणों के अनुसार सूर्य देव अपने सात घोड़ों वाले रथ पर लगातार चलते रहते हैं और उन्हें कहीं रुकने की अनुमति नहीं होती। लेकिन निरंतर चलने से घोड़े बेहद थक जाते हैं। न भूख-प्यास मिटती, न विश्राम मिलता। सूर्य देव घोड़ों को राहत देना चाहते थे, लेकिन रथ रोकना संभव नहीं था।

एक बार सूर्य देव घोड़ों को पानी पिलाने तालाब के पास ले गए। उसी समय उन्हें तालाब किनारे दो खर (गधे) दिखाई दिए। सूर्य देव ने घोड़ों को आराम देने के लिए उन गधों को रथ में जोड़ दिया और रथ अपनी गति से चलता रहा लेकिन अब गति बहुत धीमी हो गई।

गधों के साथ रथ धीरे-धीरे चलता हुआ पूरा एक मास (सौर महीना) निकाला। इस अवधि को ही कहा गया खर मास यानी गधों द्वारा खींचा गया महीना इसलिए यह नाम पड़ा खरमास।

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Why is Kharmas considered inauspicious खरमास को अशुभ क्यों माना जाता है?
खरमास को अशुभ माना जाता है क्योंकि इस समय सूर्य की गति धीमी मानी जाती है। ऊर्जा का प्रवाह कम होता है। शुभ कार्यों के फल मिलना कठिन माना जाता है इसलिए शास्त्रों में कहा गया है कि खरमास में विवाह, नए घर में प्रवेश, मुंडन और कोई भी मांगलिक कार्य
नहीं करना चाहिए।

Auspicious work begins again after the end of Kharmas खरमास समाप्त होने पर पुनः आरंभ होते हैं शुभ काम
14 जनवरी 2026 को सूर्य देव के मकर राशि में पहुंचते ही खरमास समाप्त हो जाएगा और इसके बाद सभी शुभ, धार्मिक और मांगलिक कार्य पुनः आरंभ हो जाएंगे।

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