Edited By Sarita Thapa,Updated: 07 Jul, 2025 06:00 AM

Kokila Vrat 2025: हिंदू धर्म में कोकिला व्रत का बहुत खास महत्व है। कोकिला व्रत एक धार्मिक उपवास है, जिसे मुख्य रूप से सुहाग महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख के लिए रखती है। इस साल कोकिला व्रत 10 जुलाई 2025 को आषाढ़ पूर्णिमा पर किया जाएगा।
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Kokila Vrat 2025: हिंदू धर्म में कोकिला व्रत का बहुत खास महत्व है। कोकिला व्रत एक धार्मिक उपवास है, जिसे मुख्य रूप से सुहाग महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक सुख के लिए रखती है। इस साल कोकिला व्रत 10 जुलाई 2025 को आषाढ़ पूर्णिमा पर किया जाएगा। माना जाता है कि कोकिला व्रत माता पार्वती ने शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए रखा था। इस दिन माता पार्वती की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करने और व्रत रखने से जीवन में सुख, समृद्धि और परिवार में खुशहाली बनी रहती है। कोकिला व्रत का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसे करने से व्यक्ति के मन और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं, साथ ही कठिनाइयां दूर होती हैं। तो आइए जानते हैं कोकिला व्रत के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में-

Kokila vrat 2025 ka shubh muhurat कोकिला व्रत 2025 का शुभ मुहूर्त
आषाढ़ पूर्णिमा तिथि 10 जुलाई को सुबह 1 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 11 जुलाई 2025 को सुबह 2 बजकर 06 मिनट पर किया जाएगा।
कोकिला व्रत प्रदोष पूजा मुहूर्त - रात 07 बजकर 22 मिनट से रात 9 बजकर 24 मिनट पर होगा।
पूजा अवधि- 2 घंटे 2 मिनट

Kokila vrat 2025 puja vidhi कोकिला व्रत 2025 का पूजा विधि
कोकिला व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और कोकिला व्रत
फिर के पूजा स्थान को स्वच्छ करें और वहां एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
उसके बाद चौकी पर मां पार्वती और एक छोटी मूर्ति कोकिला रूप में मूर्ति स्थापित करें।
अब मां पार्वती को रोली, अक्षत, फूल, फल, मिठाई आदि अर्पित करें।
इसके बाद दीपक और धूप जलाकर गंगाजल से सभी मूर्ति का छिड़काव करें।
फिर मां पार्वती और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें और कोकिला व्रत की कथा पढ़ें।
अंत में आरती करें और व्रत की सफलता की प्रार्थना करें।
