Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 May, 2025 07:02 AM

Amarnath Cave History: भगवान शिव के अनेक रूप हैं। वह कभी भी कहीं भी किसी भी रूप में हो सकते हैं लेकिन एक स्थान ऐसा है जहां भगवान शिव माता पार्वती के साथ कबूतर रूप में निवास करते हैं। यह स्थान अमरनाथ गुफा है।
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Amarnath Cave History: भगवान शिव के अनेक रूप हैं। वह कभी भी कहीं भी किसी भी रूप में हो सकते हैं लेकिन एक स्थान ऐसा है जहां भगवान शिव माता पार्वती के साथ कबूतर रूप में निवास करते हैं। यह स्थान अमरनाथ गुफा है।
अमरनाथ जी की गुफा में हर साल आषाढ़ पूर्णिमा से अपने आप बर्फ से शिवलिंग बनने लगता है। यहां चमत्कार की बात यह है कि इसके आस-पास जमी बर्फ कच्ची होती है जबकि शिवलिंग ठोस बर्फ का बना होता है। श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन के दिन इस शिवलिंग का अंतिम दर्शन होता है। इसके बाद साल के बाद ही शिवलिंग बनता है।
इसी पवित्र गुफा में भगवान शिव और माता पार्वती कई युगों से कबूतर के रूप में विराजमान हैं। इस संदर्भ में कथा यह है कि एक समय माता पार्वती द्वारा अमर होने की कथा सुनने की जिद्द करने पर भगवान शिव शंकर पार्वती को लेकर इस स्थान पर आए।
अमरत्व की कथा माता पार्वती के अलावा कोई अन्य न सुन सके इसके लिए भगवान शिव ने मार्ग में अपने गले में सुशोभित नाग, माथे पर सजे हुए चंद्र को उतार कर रख दिया। इसके बाद पार्वती जी को साथ लेकर गुफा में प्रवेश किया।

शिव जी से अमर होने की कथा सुनते-सुनते माता पार्वती को नींद आ गई। इस दौरान उस गुफा में कबूतर के दो बच्चों ने जन्म लिया और उसने शिव जी से पूरी कथा सुन ली। जब शिव जी को इस बात का ज्ञान हुआ कि अमर होने की कथा कबूतरों ने सुन ली है तब उन्हें मारने के लिए आगे बढ़े।
कबूतरों ने शिव जी से कहा कि अगर आपने हमें मार दिया तो अमर होने की कथा झूठी साबित हो जाएगी। शिव जी ने तब उन कबूतरों को वरदान दिया कि तुम युगों-युगों तक इस स्थान पर शिव-पार्वती के प्रतीक बनकर निवास करोगे। अमरनाथ की गुफा में जिसे भी तुम्हारे दर्शन होंगे उन्हें शिव-पार्वती के दर्शन का पुण्य मिलेगा।
