Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Oct, 2022 08:38 AM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री महाकाल लोक गलियारा के पहले चरण का लोकार्पण किया। इसके बारे में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। महाकाल मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है। महाकवि कालिदास और
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उज्जैन (इंट.): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री महाकाल लोक गलियारा के पहले चरण का लोकार्पण किया। इसके बारे में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। महाकाल मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है। महाकवि कालिदास और तुलसीदास की रचनाओं में महाकाल मंदिर व उज्जैन का उल्लेख है। कहा जाता है कि महाकाल मंदिर की स्थापना द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण के पालनहार नंद जी से 8 पीढ़ी पूर्व हुई थी अर्थात श्रीकृष्ण से 9 पीढ़ी पहले हुई थी।
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शिवपुराण के अनुसार मंदिर के गर्भ गृह में मौजूद ज्योतिर्लिंग की प्रतिष्ठा नंद से आठ पीढ़ी पूर्व एक गोप बालक द्वारा की गई थी। जब भगवान श्रीकृष्ण उज्जैन में शिक्षा प्राप्त करने आए तो उन्होंने महाकाल स्रोत का गान किया था। छठी शताब्दी में बुद्धकालीन राजा चंद्रप्रद्योत के समय महाकाल उत्सव हुआ था। इस मंदिर की महिमा का वर्णन बाणभट्ट, पद्मगुप्त, राजशेखर, राजा हर्षवर्धन और रवीन्द्रनाथ की रचनाओं में भी मिलता है। मंदिर द्वापर युग का है लेकिन समय -समय पर इसका जीर्णोद्धार होता रहा है। मंदिर परिसर से ईसवी पूर्व द्वितीय शताब्दी के भी अवशेष मिले हैं, जो इस बात का प्रमाण हैं।
500 साल तक जल समाधि में रहे महाकाल
प्रो. वैदिक के अनुसार, जब सुल्तान इल्तुतमिश ने उज्जैन पर आक्रमण किया तो सभी परेशान हो गए। इल्तुतमिश ने आदेश दिया था कि मंदिर को पूरी तरह से नष्ट कर देना है। तब पुजारियों ने महाकाल ज्योतिर्लिंग को कुंड में छिपा दिया था। करीब 500 साल तक महाकाल कुंड में ही रहे। बाद में राणोजी सिंधिया ने मंदिर का पुनर्निर्माण कराया और ज्योतिर्लिंग की पुन: प्राणप्रतिष्ठा कराई।
ऐसा है अब महाकाल कॉरिडोर का रूप
महाकाल कॉरिडोर पौराणिक सरोवर रुद्रसागर के किनारे विकसित किया गया है। यहां भगवान शिव, देवी सती और दूसरे धार्मिक किस्सों से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां और भित्ति चित्र बनाए गए हैं। श्रद्धालु हरेक भित्ति चित्र की कथा इस पर स्कैन कर सुन सकेंगे। सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल, त्रिपुरासुर वध, कमल ताल में विराजित शिव, 108 स्तम्भों में शिव के आनंद तांडव का अंकन, शिव स्तम्भ, भव्य प्रवेश द्वार पर विराजित नंदी की विशाल प्रतिमाएं मौजूद हैं। महाकाल कॉरिडोर में देश का पहला नाइट गार्डन भी बनाया गया है। देश के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकालेश्वर का मंदिर उज्जैन में स्थित है। यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
