Edited By Prachi Sharma,Updated: 11 Nov, 2025 03:43 PM
Mantra For Success: भारतीय सनातन संस्कृति में सुबह उठने का समय दैवीय ऊर्जा से भरा माना जाता है। इस समय मन शांत और ग्रहणशील होता है। शास्त्रों में वर्णित है कि बिस्तर से उठने से पहले यदि कुछ विशेष मंत्रों का जाप किया जाए, तो वह व्यक्ति के भीतर...
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Mantra For Success: भारतीय सनातन संस्कृति में सुबह उठने का समय दैवीय ऊर्जा से भरा माना जाता है। इस समय मन शांत और ग्रहणशील होता है। शास्त्रों में वर्णित है कि बिस्तर से उठने से पहले यदि कुछ विशेष मंत्रों का जाप किया जाए, तो वह व्यक्ति के भीतर सकारात्मकता का संचार करता है, भाग्य को जाग्रत करता है और जीवन में धन, स्वास्थ्य एवं धान्य की वृद्धि करता है। यह अभ्यास न केवल आपके आध्यात्मिक जीवन को मजबूत करता है, बल्कि आपके भौतिक जीवन में भी सफलता के द्वार खोलता है।
कर दर्शनम् मंत्र यानि हथेली को देखना
यह सबसे पहला और सबसे महत्वपूर्ण मंत्र है, जिसे बिस्तर पर बैठे-बैठे ही दोनों हथेलियों को आपस में जोड़कर देखते हुए बोला जाता है। हथेली के अग्र भाग में मां लक्ष्मी, मध्य भाग में मां सरस्वती और मूल भाग में भगवान गोविन्द का वास माना गया है।
मंत्र: कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती। करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम् ॥
अर्थ: मेरी हथेली के अग्र भाग में धन की देवी मां लक्ष्मी का निवास है, मध्य भाग में विद्या की देवी मां सरस्वती का निवास है और मूल भाग में भगवान गोविन्द का निवास है। इसलिए, मैं सुबह में इनका दर्शन करती हूं।
यह मंत्र धन, ज्ञान और कर्म तीनों का समन्वय करता है। यह आपको याद दिलाता है कि आपके धन और सफलता का स्रोत आपकी अपनी मेहनत और योग्यता में निहित है।
धन-धान्य में वृद्धि: इस मंत्र का नित्य उच्चारण करने से व्यक्ति के जीवन में कभी भी धन, ज्ञान या अन्न की कमी नहीं होती है।

पृथ्वी क्षमा प्रार्थना मंत्र
बिस्तर से पैर नीचे रखने से पहले यह मंत्र बोला जाता है, जो पृथ्वी माता से क्षमा और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए है। पृथ्वी को हम माता मानते हैं, और उस पर पैर रखना अनजाने में उनका अनादर हो सकता है।
समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डले। विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे ॥
अर्थ: समुद्र जिनके वस्त्र हैं और पर्वत जिनके स्तन मंडल हैं, हे विष्णु पत्नी, मैं आपको नमन करती हूं। मैं जो अपने पैरों से आपका स्पर्श करने जा रही हूं, उसके लिए मुझे क्षमा करें।
पृथ्वी माता हमें स्थिरता, आधार और पोषण प्रदान करती हैं। यह मंत्र जीवन में स्थिरता, स्वास्थ्य और मजबूत आधार लाता है। इससे पूरे दिन आप जमीन से जुड़े रहते हैं और आपके सभी कार्य सफलतापूर्वक पूरे होते हैं।
नवग्रह स्मरण मंत्र
सोने से उठने के बाद यदि आप नौ ग्रहों का स्मरण करते हैं, तो दिनभर के दोष, बाधाएं और ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं, और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
मंत्र
ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानुः शशि भूमिसुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्रः शनि राहु केतवः सर्वे ग्रहाः शान्तिकरा भवन्तु॥
अर्थ: ब्रह्मा, मुरारी, त्रिपुरांतकारी, भानु , शशि, भूमिपुत्र, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु- ये सभी ग्रह हमारे लिए शांतिदायक और शुभ हों।
प्रभाव और लाभ: यह मंत्र पूरे दिन की बाधाओं और दुर्भाग्य को दूर करता है। सभी ग्रहों का आशीर्वाद प्राप्त होने से कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है और भाग्य का साथ हमेशा बना रहता है।
