Edited By Prachi Sharma,Updated: 06 Mar, 2024 12:28 PM
सुकरात अपनी विद्वता और विनम्रता के लिए काफी मशहूर थे। एक बार वह बाजार से गुजर रहे थे कि उनका एक परिचित मिला। उसने सुकरात को नमस्कार
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Motivational Story: सुकरात अपनी विद्वता और विनम्रता के लिए काफी मशहूर थे। एक बार वह बाजार से गुजर रहे थे कि उनका एक परिचित मिला। उसने सुकरात को नमस्कार किया और कहा, “जानते हैं, कल आपका मित्र आपके बारे में क्या कह रह रहा था।”
सुकरात ने उसे बीच में ही रोका और बोले, “मित्र, मैं तुम्हारी बात जरूर सुनूंगा, पर पहले मेरे तीन प्रश्नों के उत्तर दो। पहला प्रश्न यह है कि जो बात तुम मुझे बताने जा रहे हो, क्या वह पूरी तरह सही है ?”
उस आदमी ने कुछ सोचा, फिर कहा, “नहीं, मैंने यह बात सुनी है।”
यह सुनकर सुकरात बोले, “इसका मतलब तुम्हें पता ही नहीं है कि वह सही है। खैर, मेरा दूसरा प्रश्न है- क्या तुम जो बात मुझे बताने जा रहे हो, वह मेरे लिए अच्छी है ?”
उस आदमी ने तत्काल कहा, “नहीं, वह आपके लिए अच्छी तो नहीं है। आपको उसे सुनकर दुख होगा।”
इस पर सुकरात ने कहा, “अब तीसरा प्रश्न, तुम जो बात मुझे बताने जा रहे हो, क्या वह मेरे किसी काम की है ?”
उस व्यक्ति ने कहा, “नहीं, उस बात से आपका कोई काम नहीं निकलने वाला।”
तीनों उत्तर सुनने के बाद सुकरात बोले, “ऐसा बात जो सच नहीं है जिससे मेरा कोई भला नहीं होने वाला, उसे सुनने से क्या फायदा और तुम भी सुनो ! जिस बात से तुम्हारा भी कोई फायदा नहीं होने वाला हो, वैसी बात तुम भी क्यों करते हो ?”
यह सुनकर वह व्यक्ति लज्जित हो गया और चुपचाप वहां से चला गया।