Edited By Sarita Thapa,Updated: 24 Nov, 2025 01:33 PM

एक आदमी कहीं से गुजर रहा था, तभी उसने सड़क के किनारे बंधे हाथियों को देखा तो रुक गया। उसने देखा कि हाथियों के अगले पैर में एक रस्सी बंधी हुई है। उसे इस बात पर आश्चर्य हुआ कि हाथी जैसे विशालकाय जीव लोहे की जंजीरों की जगह बस एक छोटी-सी रस्सी से बंधे...
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Best Motivational Story: एक आदमी कहीं से गुजर रहा था, तभी उसने सड़क के किनारे बंधे हाथियों को देखा तो रुक गया। उसने देखा कि हाथियों के अगले पैर में एक रस्सी बंधी हुई है। उसे इस बात पर आश्चर्य हुआ कि हाथी जैसे विशालकाय जीव लोहे की जंजीरों की जगह बस एक छोटी-सी रस्सी से बंधे हुए हैं।
वे चाहते तो अपने बंधन तोड़ कर कहीं भी जा सकते थे, पर वे ऐसा नहीं कर रहे थे। उसने पास खड़े महावत से पूछा, ‘‘भला ये हाथी किस प्रकार इतनी शांति से खड़े हैं और भागने का प्रयास भी नहीं कर रहे हैं।’’
महावत ने कहा, ‘‘हाथियों को छोटी उम्र से ही इन रस्सियों से बांधा जाता है।’’

उस समय इनके पास इतनी शक्ति नहीं होती कि इस बंधन को तोड़ सकें, बार-बार प्रयास करने पर भी रस्सी न तोड़ पाने के कारण उन्हें धीरे-धीरे यकीन होता जाता है कि वे इन रस्सियों को नहीं तोड़ सकते और बड़े होने पर भी उनका यह यकीन बना रहता है इसलिए वे कभी इन्हें तोड़ने का प्रयास ही नहीं करते। उस आदमी को यह बात बड़ी रोचक लगी। उसने इसके बारे में एक संत से चर्चा की।
संत ने मुस्कुराकर कहा, ‘‘ये जानवर इसलिए अपना बंधन नहीं तोड़ सकते क्योंकि वे इस बात में यकीन करते हैं। इन हाथियों की तरह हममें से कई लोग अपनी किसी असफलता के कारण मान बैठते हैं कि अब उनसे ये काम हो ही नहीं सकता। वे अपनी बनाई हुई मानसिक जंजीरों में पूरा जीवन गुजार देते हैं लेकिन मनुष्य को कभी प्रयास छोड़ा नहीं चाहिए।’’
