Edited By Sarita Thapa,Updated: 24 Nov, 2025 04:10 PM

दिसंबर महीने का आगमन धार्मिक अनुष्ठानों और व्रतों के साथ होता है, जिसमें भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। प्रदोष व्रत, जो हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है, शिवजी की कृपा प्राप्त करने और दोषों को दूर करने के लिए अत्यंत फलदायी...
Pradosh Vrat December 2025: दिसंबर महीने का आगमन धार्मिक अनुष्ठानों और व्रतों के साथ होता है, जिसमें भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। प्रदोष व्रत, जो हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है, शिवजी की कृपा प्राप्त करने और दोषों को दूर करने के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन पूरे विधि-विधान के साथ शिव जी की पूजा करने से और व्रत रखने से मन की हर मनोकामना पूरी होती है और जीवन में आने वाली सारी परेशाशियों से छुटकारा मिलता है। यह व्रत न केवल आपको भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद दिलाता है, बल्कि विशिष्ट योगों के कारण इसका फल कई गुना बढ़ जाता है। तो आइए जानते हैं कि दिसंबर के पहले प्रदोष व्रत और शुभ योग के बारे में-
Pradosh Vrat Shubh Muhurat प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, अगहन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 02 दिसंबर को दोपहर 03 बजकर 57 मिनट पर होगी और इसका समापन 03 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर होगा। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इसलिए प्रदोष व्रत 02 दिसंबर को रखा जाएगा। 2 दिसंबर को प्रदोष काल शाम 05 बजकर 33 मिनट से 08 बजकर 15 मिनट तक है।

Pradosh Vrat Shubh Yog प्रदोष व्रत शुभ योग
ज्योतिष विद्वानों के अनुसार, दिसंबर माह के पहले प्रदोष व्रत पर कई विशेष योग बन रहे हैं। इनमें सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग शामिल हैं। साथ ही, यह व्रत अश्विनी नक्षत्र के संयोग में पड़ रहा है। ऐसे शुभ योगों में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से साधक को हर प्रकार के सुख, समृद्धि और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, यह व्रत सभी तरह के संकटों और परेशानियों से मुक्ति दिलाने में भी सहायक माना जाता है। इसलिए इस दिन व्रत रखना और शिव-पूजन करना अत्यंत लाभकारी और फलदायी माना जाता है।

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