अद्भूत है वशीकरण का ये तरीका, आपके वश में होगा संसार का हर जीव

Edited By Updated: 17 Feb, 2025 03:29 PM

religious katha

Religious Katha: उपदेशात्मक वाणी सुनकर एक राजा को वैराग्य हो गया। उसने राज्य छोड़कर जंगल का रास्ता लिया। एक बार किसी पुरुष ने राजा को फकीरी ठाट में, नदी किनारे प्रभु भजन में बैठे देखा। आकर राजा के पुत्र को कहा कि तू तो राजपाट का आनंद ले रहा है और...

 
 Religious Katha: उपदेशात्मक वाणी सुनकर एक राजा को वैराग्य हो गया। उसने राज्य छोड़कर जंगल का रास्ता लिया। एक बार किसी पुरुष ने राजा को फकीरी ठाट में, नदी किनारे प्रभु भजन में बैठे देखा। आकर राजा के पुत्र को कहा कि तू तो राजपाट का आनंद ले रहा है और तेरा पिता जंगल में नदी के तट पर बैठा प्रभु भक्ति कर रहा है।
 
PunjabKesari  Religious Katha
यह सुन कर राजा के पुत्र को बड़ी लज्जा आई। वह राजा को ढूंढने चल पड़ा। ढूंढते हुए उस स्थान पर पहुंचा जहां राजा फकीरी लिबास में एक गोदड़ी को सुई से सी रहा था। वह बोला, ‘‘पिता जी! आप वापस राज्य में चलो, वहीं प्रभु चिंतन करो।’’

पुत्र की बात सुनकर राजा ने वह सुई जिससे वह गोदड़ी सी रहा था, नदी में फैंक दी और पुत्र से कहा, ‘‘पुत्र! मेरी सुई नदी में गिर गई, वह निकलवा दो।’’ उसी समय राज-पुत्र ने सेना को आदेश दिया सुई ढूंढने के लिए। सेना ने बहुत प्रयास किया परन्तु सुई प्राप्त नहीं हुई। सब निराश हो गए और आकर कहा कि सुई नहीं मिली।

तब साधु महाराज ने कहा, ‘‘अच्छा पुत्र! अब मैं यत्न करता हूं।’’
 
PunjabKesari  Religious Katha
बादशाह फकीर ने आवाज लगाई, ‘‘अरी नदी की मछलियो। मेरी सुई निकाल कर लाओ।’’

बस फिर क्या था, आवाज की देरी थी कि एक मछली मुख में सुई डाले जल से बाहर आई, सुई को फकीर के चरणों में रखा, पुन: नदी में चली गई।

यह कौतुक दिखाकर फकीर बादशाह ने कहा, ‘‘पुत्र! यह बता। असली बादशाह कौन है-तू मनुष्यों को ही हुक्म करता है परन्तु मेरी आज्ञा का पालन पशु-पक्षी, जलचर, नभचर, थलचर सभी करते हैं। मैं यहीं अच्छा हूं, तू जा अपने राज्य में लौट जा और धर्मपारायण होकर राज्य का संचालन कर।’’
 
PunjabKesari  Religious Katha
IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!