अपनी अंतरात्मा का अनुभव हम 2022 में करें: संत राजिन्दर सिंह

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Jan, 2022 10:56 AM

sant rajinder singh ji maharaj

सावन कृपाल रूहानी मिशन के अध्यक्ष संत राजिन्दर सिंह महाराज ने नववर्ष 2022 के आगमन पर संपूर्ण मानव जाति को आशा, शांति और ध्यान-अभ्यास का विश्व-कल्याणकारी संदेश दिया। साथ ही महामारी के इस दु:ख भरे समय में शांति को पाने

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नई दिल्ली (ब्यूरो): सावन कृपाल रूहानी मिशन के अध्यक्ष संत राजिन्दर सिंह महाराज ने नववर्ष 2022 के आगमन पर संपूर्ण मानव जाति को आशा, शांति और ध्यान-अभ्यास का विश्व-कल्याणकारी संदेश दिया। साथ ही महामारी के इस दु:ख भरे समय में शांति को पाने के लिए नववर्ष का अपना आध्यात्मिक स्लोगन जारी किया, ‘अपनी अंतरात्मा का अनुभव हम 2022 में करें। नववर्ष के मौके पर उन्होंने सभी मनुष्य जाति के लिए भी प्रार्थना की कि इस नए साल में हम सबका जीवन आंतरिक शांति, खुशी और हर्ष से भरा हो। शुरुआत में माता रीटा ने गुरुबानी से गुरु अर्जन देव जी के शब्द, मांगू राम ते इक दान का गायन किया। उसके पश्चात संत राजिन्दर सिंह महाराज ने  प्रवचन में कहा कि, पिछले दो वर्षों से संपूर्ण मानव जाति महामारी के इस मुश्किल दौर से गुजऱ रही है। मेरी यह प्रार्थना है कि आने वाले नये साल में हम सबका जीवन बेहतर हो। अपने नववर्ष के संदेश ‘अपनी अंतरात्मा का अनुभव हम 2022 में करें’ के बारे में उन्होंने बताया कि यह स्लोगन सच्ची खुशी को पाने में हमें मददगार होगा। 

अंतरात्मा के इस अनुभव को हरेक इंसान चाहे वो कोई भी हो, कहीं भी रहता हो या उसकी परिस्थितियां चाहें कैसी भी हों, इसके ज़रिये वह अपने जीवन को बेहतर बना सकता है। उन्होंने कहा कि अक्सर हम अपने जीवन में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक समस्याओं का सामना करते हैं और उनको दूर करने की भी कोशिश करते हैं किंतु अगर हम ध्यान से देखें तो हम सिर्फ अपने बाहरी पहलू को ही बदलने की कोशिश करते हैं। हमें यह समझना चाहिए कि हम सभी के पास एक और भी ज़रिया है जिस पर हम ध्यान दे सकते हैं और वह है अपनी अंतरात्मा की तरफ देखना। जो कि कभी न बदलने वाली, सदा-सदा और हमेशा-हमेशा रहने वाली है। यह हमारे जीवन के उतार-चढ़ाव से सबंध नही रखती बल्कि यह हमेशा के आनंद का स्त्रोत है। जिसका अनुभव कर हम हमेशा-हमेशा की खुशी और शांति को पा सकते हैं। हम इस अनुभव को अपने अंदर कैसे पायें?

उन्होंने कहा की ध्यान-अभ्यास एक ऐसा सरल तरीका है जिसके द्वारा हम अपनी अंतरात्मा से जुड़कर अपने भीतर छुपे खज़ानों को पा सकते हैं। इस अनुभव को पाकर हमें समझ आती है कि सच्ची रोशनी, खुशी और शांति कहीं बाहर नहीं बल्कि हमारे अंदर है। जैसे-जैसे हम अपने अंतर में प्रभु के दिव्य-अनुभव से जुड़ते हैं तो यह हमें अंदर से सदा-सदा की खुशी भर देगा, जिससे कि हमारा पूरा जीवन ही बदल जाएगा।

हम नववर्ष 2022 में प्रवेश कर रहे हैं तो हम रोजाना अपना समय ध्यान-अभ्यास में लगाएं और अपनी अंतरात्मा का अनुभव हम 2022 में करें।

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