Sawan somvar vrat: शिव कृपा चाहते हैं तो इस शास्त्रीय विधि से रखें सावन सोमवार व्रत

Edited By Updated: 12 Jul, 2025 07:00 AM

sawan somvar vrat

Sawan somvar vrat 2025: सावन सोमवार व्रत भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत पवित्र और फलदायक व्रत होता है, जिसे विशेष रूप से श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) में प्रत्येक सोमवार को किया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से कुंवारी कन्याएं अच्छे पति की प्राप्ति के लिए...

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Sawan somvar vrat 2025: सावन सोमवार व्रत भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत पवित्र और फलदायक व्रत होता है, जिसे विशेष रूप से श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) में प्रत्येक सोमवार को किया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से कुंवारी कन्याएं अच्छे पति की प्राप्ति के लिए तथा विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु और सुख-शांति के लिए करती हैं। यह व्रत वो पुरुष भी कर सकते हैं, जो विशेषकर भगवान शिव की कृपा, मनोकामना पूर्ति और मानसिक शांति चाहते हैं।

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यहां शास्त्रों और पुराणों पर आधारित सावन सोमवार व्रत विधि विस्तार से बताई जा रही है:
सावन सोमवार व्रत का संकल्प (Sankalp)
व्रत करने वाला व्यक्ति प्रातःकाल स्नान कर के स्वच्छ वस्त्र धारण करे। शांत चित्त से भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें:
संकल्प मंत्र (भावार्थ सहित): “मम समस्तपापक्षयपूर्वक आयुरारोग्यैश्वर्यवृद्ध्यर्थं समस्तसिद्ध्यर्थं च श्रावणमासे सोमवासरे व्रतं करिष्ये।”
(अर्थ: मैं समस्त पापों के नाश, आयु, आरोग्य और ऐश्वर्य वृद्धि तथा समस्त सिद्धियों के लिए सावन सोमवार व्रत करूंगा।)

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सावन सोमवार व्रत की दिनचर्या और पूजा विधि:
ब्राह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करें। नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। शिव मंदिर जाएं। पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से शिवलिंग का अभिषेक करें। फिर गंगा जल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।

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पूजा सामग्री: बिल्वपत्र (3 दल वाला, नीचे से शिव नाम लिख सकते हैं), धतूरा, आक का फूल, भांग, सफेद चंदन, शमी पत्र, चावल (अक्षत), दीपक, धूप, सफेद फूल और मिठाई।

पूजन विधि:
ऊपर की ओर से शिवलिंग पर बिल्वपत्र अर्पित करें।
ॐ नमः शिवाय या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
दीपक और धूप जलाकर भगवान शिव, माता पार्वती, नंदी, कार्तिकेय और गणेश जी की पूजा करें।
शिव पंचाक्षरी मंत्र का जाप करें: ॐ नमः शिवाय कम से कम 108 बार करना चाहिए।

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व्रत में भोजन नियम:
कुछ लोग दिन भर निर्जला उपवास करते हैं।
कुछ फलाहार (फल, दूध, मखाना, साबूदाना आदि) लेते हैं।
अन्न/अन्नपूर्ण भोजन सोमवार रात्रि को ही करें।

शिव कथा श्रवण या पाठ करें:
सावन सोमवार व्रत कथा अवश्य पढ़ें या सुनें। यह कथा एक स्त्री के संकल्प, भक्ति और शिव कृपा की है।

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सावन सोमवार व्रत की महत्वपूर्ण बातें:
व्रत के दिन संयम और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
व्रत के दौरान झूठ, विवाद, निंदा आदि से बचें।
यदि संभव हो तो संपूर्ण श्रावण मास सोमवार व्रत करें अत्यंत फलदायक होता है।
सावन के अंतिम सोमवार पर व्रत का उद्यापन (उपसंहार) करें: शिव परिवार की पूजा कर ब्राह्मण को भोजन और दक्षिणा दें।

महामृत्युंजय मंत्र (जप करें): ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

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